संस्कृत संवादः
संस्कृत संवादः
February 22, 2025 at 02:44 PM
१। मम पित्रोः कष्टं न अहं सहे। • I don't tolerate the pain of my parents. • मैं अपने माता-पिता का कष्ट नहीं सहता हूँ। २। जानामि तव देशभक्तिं मित्र। • I know your devotion to the nation, friend. • मैं तुम्हारी देशभक्ति जानता हूँ, मित्र। ३। सर्वे वृक्षस्य अधः उपविशन्तु। • Everyone sit under the tree. • सभी वृक्ष के नीचे बैठें। ४। कियद्भारः अस्य कण्ठहारस्य। • What is the weight of this necklace? • इस गले के हार का भार कितना है? ५। प्रजानाम् अतिविस्तारो जातः। • There has been an excessive expansion lf the population. • प्रजा का बहुत विस्तार हो चुका है। ६। किं ततः अवधम् अपि गमिष्यथ। • Will you folks also go to Ayodhya from there? • क्या तुम लोग वहाँ से अवध भी जाओगे? ७। अद्य मम मनः अतिखिन्नं विद्यते। • Today, my mind is very disturbed. • आज, मेरा मन बहुत दुःखी है। ८। विदुर एव केवलो धर्मज्ञः अत्र। • Vidura alone is the one who knows dharma here. • केवल विदुर ही यहाँ धर्म का जानकार है। ९। सदा तव प्रसन्नताम् एव इच्छामि। • I always want your happiness. • मैं सदा तुम्हारी प्रसन्नता ही चाहता हूँ। १०। प्रभे तव प्रभा चतुर्दिक्षु विस्तीर्णा। • O Prabha! your aura is spread in four directions. • प्रभा! तुम्हारी प्रभा चारों दिशाओं में फैली हुई है। #vakyabhyas linktr.ee/samvadah

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