संस्कृत संवादः
संस्कृत संवादः
March 1, 2025 at 04:08 AM
१। पितरा अनुजां गृहम् आनयतः। • The parents are bringing the little sister home. • माता-पिता छोटी को घर ला रहे हैं। २। अधुना गीतेषु तावद् माधुर्यं न भवति। • Now, there is not that much sweetness in the songs. • अब गीतों में वैसी मिठास नहीं होती। ३। तत्र नीडे अण्डं पश्य। • Look at the egg in the nest there. • वहाँ घोंसले में अंडे को देखो। ४। किं त्वं प्लवनं जानासि। • Do you know swimming? • क्या तुम तैरना जानते हो? ५। पुत्रेण वर्धते कुलं दौहित्रेण वा। • The clan flourishes through the son or the daughter's son. • वंश बेटे से बढ़ता है या नाती से। ६। अद्य स कार्यालयं नागमिष्यति। • Today, he won't come to the office. • आज वह कार्यालय नहीं आएगा। ७। प्रतिदिनं कटुवचनानि श्रुत्वा गार्हस्थ्यं त्यजामि। • Hearing bitter words every day, I abandon householding. • हर दिन कड़वे शब्द सुनकर मैं गृहस्थी छोड़ता हूँ। ८। कच्चित् त्वं कुशली असि। • Are you well? • क्या तुम ठीक हो? ९। अधुना श्वसुरालय एव मे मनो रमते। • Now my mind delights only in my in-law's house. • अब मेरा मन केवल ससुराल में लगता है। १०। किमर्थं स अन्धो भिक्षते। • Why does that blind man begs? • वह अंधा भीख क्यों माँगता है? #vakyabhyas linktr.ee/samvadah

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