Rudrametaverse
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February 6, 2025 at 12:40 AM
🌟 **लिंग पुराण : हिरण्याक्ष और वराह अवतार** 🌟 🕉️ *ऋषियों का प्रश्न* 🕉️ 🔹 प्राचीन काल में जब महर्षियों ने *लोमहर्षण* से पूछा, “हे महर्षि! आपने **हिरण्याक्ष** का उल्लेख किया और यह भी कहा कि **भगवान विष्णु ने उसे मारा।*लेकिन हमें यह कथा ज्ञात नहीं है। कृपया हमें विस्तार से बताइए।”* 🔹 तब लोमहर्षण ने *लिंग पुराण* में वर्णित यह अद्भुत कथा सुनाई। 🦸‍♂️ **हिरण्याक्ष और हिरण्यकशिपु – असुरों के महाबली भाई** 🦸‍♂️ 👹 दिति और कश्यप ऋषि के दो पुत्र **हिरण्याक्ष और हिरण्यकशिपु** थे। ⚡ ये दोनों **महाबली, अजेय और अत्यंत क्रूर** थे। 🔥 हिरण्याक्ष अत्यधिक बलशाली था, उसने **सम्पूर्ण ब्रह्मांड में आतंक फैला दिया** और देवताओं को **स्वर्ग से निष्कासित कर दिया।** 🌍 *लेकिन उसकी सबसे भयावह योजना थी – पृथ्वी का हरण!* ⚔️ **स्वर्ग पर आक्रमण और पृथ्वी का हरण** ⚔️ 🔱 हिरण्याक्ष ने अपने **अद्भुत बल और तपस्या से अमरत्व का वरदान प्राप्त किया।** 💪 उसने *देवताओं पर आक्रमण कर स्वर्ग पर अधिकार कर लिया* और सभी देवगण उससे भयभीत होकर **इधर-उधर छिप गए।** 🌍 **इसके बाद उसने पृथ्वी को अपने वश में कर लिया और उसे पाताल लोक में कैद कर दिया।** 🔹 उसके अत्याचार से पूरा ब्रह्मांड असंतुलित हो गया, ऋषि-मुनि यज्ञ करने में असमर्थ हो गए और देवताओं की शक्तियाँ कमजोर पड़ने लगीं। 🙏 **देवताओं की प्रार्थना और विष्णु जी का आश्वासन** 🙏 🔶 परेशान और पराजित देवगण **ब्रह्मा जी के पास सहायता की गुहार लगाने पहुंचे।** 🗣️ ब्रह्मा जी बोले, *"हमें भगवान विष्णु के पास जाना चाहिए। केवल वही इस विपत्ति से उबार सकते हैं।"** 🔷 जब देवगण **भगवान विष्णु के पास पहुंचे और अपनी व्यथा सुनाई**, तब विष्णु जी ने कहा, 🦋 *"चिंता मत करो, मैं स्वयं अवतार लेकर पृथ्वी को इस संकट से मुक्त करूँगा!"** 🦗 **वराह अवतार का प्राकट्य – दिव्य और अद्भुत रूप** 🦗 🔥 भगवान विष्णु ने *एक विशालकाय जंगली वराह (सूअर) का रूप धारण किया।* 🐗 **उनका शरीर पर्वत के समान विशाल था, नेत्र अग्नि के समान प्रज्वलित थे और स्वर गरजते बादलों जैसा था।** 💨 वे *आकाश में तेजी से दौड़ते हुए पाताल लोक की ओर बढ़े।* 🌊 उन्होंने **समुद्र को चीरते हुए पाताल में प्रवेश किया और हिरण्याक्ष को ललकारा।** ⚔️ **महासंग्राम - हिरण्याक्ष और भगवान विष्णु** ⚔️ 👿 हिरण्याक्ष ने *भगवान विष्णु के वराह रूप को देखकर ठहाका लगाया और उनका अपमान किया।* 🗡️ **"हे विष्णु! तुम इस तुच्छ पशु के रूप में आए हो? क्या तुम मुझे हरा सकते हो?"** 🌀 फिर दोनों के बीच *भयंकर युद्ध* प्रारंभ हुआ। ⚡ *हिरण्याक्ष ने गदा और अन्य अस्त्र-शस्त्रों से आक्रमण किया*, लेकिन भगवान विष्णु के वराह रूप के सामने वह टिक नहीं पाया। ⚡ **भगवान विष्णु ने अपने विशालकाय दाँतों से हिरण्याक्ष का वध कर दिया!** 💀 *असुरों के राजा का अंत हो गया, और समस्त ब्रह्मांड आनंदित हो उठा!* 🌍 **वराह अवतार का दिव्य कार्य – पृथ्वी की मुक्ति** 🌍 🐗 **भगवान विष्णु ने अपने विशालकाय दाँतों पर पृथ्वी को उठाया और उसे समुद्र के ऊपर स्थापित किया।** 🔱 अब संपूर्ण ब्रह्मांड में शांति पुनः स्थापित हो गई और देवताओं ने *भगवान विष्णु की स्तुति की।* 😲 **शिवजी का दिव्य वरदान** 😲 🔹 लेकिन जब **भगवान विष्णु ने वराह रूप का त्याग किया**, तब **पृथ्वी, जो उनके दाँतों में अटकी हुई थी, अस्थिर होकर तैरने लगी।** 🔷 यह देखकर भगवान **शिव ने अपनी दिव्य शक्तियों से पृथ्वी को स्थिर किया।** 💠 लेकिन **वराह के विशालकाय दाँतों का क्या हुआ?** 🔱 भगवान शिव ने उन्हें **अपने गले का आभूषण बना लिया!** 🔷 इसीलिए उन्हें *"वराहदंष्ट्राभूषित"** कहा जाता है, अर्थात *"वराह के दाँतों को धारण करने वाले शिव।"* ✨ **लिंग पुराण का विशेष संदेश** ✨ 📝 **यह कथा अन्य पुराणों में भी वर्णित है, लेकिन लिंग पुराण में इसका एक अनूठा पक्ष दिया गया है कि भगवान शिव ने वराह के दाँतों को अपने गले में धारण किया।** 💡 **इस कथा से हमें क्या सीख मिलती है?** 💡 ✔️ **अत्याचार और अहंकार का अंत निश्चित है।** ✔️ **भगवान विष्णु और भगवान शिव सृष्टि की रक्षा के लिए सदा तत्पर रहते हैं।** ✔️ **प्राकृतिक संतुलन बनाए रखना केवल देवताओं का नहीं, बल्कि हमारा भी कर्तव्य है।** ✔️ **वेद और पुराण केवल कहानियाँ नहीं, बल्कि गूढ़ ज्ञान और जीवन के सत्य का भंडार हैं।** 🙏 *क्या आप इस कथा से प्रेरित हुए?* ✍️👇 #rudrametaverse 🔱
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