Rudrametaverse
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February 27, 2025 at 12:56 AM
🕉️ *शिव सूत्र - शाम्भवोपाय खंड : सूत्र 11* 🔱 *त्रितयभोक्ता वीरेशः॥* 🔱 ➖ *Tritayabhoktā vīreśaḥ* ➖ 🌿 *अर्थ:* *"तीनों अवस्थाओं (जाग्रत, स्वप्न, और सुषुप्ति) का अनुभव करने वाला स्वयं वीरों का स्वामी—वीरेश है।"* 🔍 *व्याख्या:* यह सूत्र हमें *वीरेश* के गूढ़ अर्थ से परिचित कराता है— **हमारा आंतरिक शुद्ध चैतन्य ही वह साक्षी है, जो जाग्रत, स्वप्न और सुषुप्ति अवस्थाओं का अनुभव करता है।** यह *परम जागरूकता* है, जो हमेशा स्थिर और अविनाशी रहती है। 📜 *महत्वपूर्ण टीका और उद्धरण:* *अभिनवगुप्त* बताते हैं कि **वीरेश ही हमारी वास्तविक अवस्था है—वह चैतन्य जो तीनों अवस्थाओं को देखता और अनुभव करता है, पर उनसे प्रभावित नहीं होता।** *"तुममें असाधारण को छूने की शक्ति है, क्योंकि तुम स्वयं सभी अनुभवों के शाश्वत साक्षी हो।"* - **एकहार्ट टोल्ले** 💡 *व्यावहारिक उदाहरण:* क्या आपने कभी गौर किया है कि— - आप सुबह *जागते हैं*, फिर दिनभर कार्य करते हैं। - रात को *सपने देखते हैं*, और फिर एक समय आता है जब *कोई सपना भी नहीं होता*—बस गहरी निद्रा। - फिर भी, कुछ है जो इन सभी अवस्थाओं को *गुप्त रूप से देख रहा है*—वही है **वीरेश, आपका शुद्ध आत्मस्वरूप!** 🧐 *विद्वानों की दृष्टि:* यह सूत्र हमें सिखाता है कि **हमारी चेतना केवल शरीर और मन तक सीमित नहीं है**। हमारी *सच्ची पहचान वह शाश्वत जागरूकता है*, जो इन तीनों अवस्थाओं के परे जाकर भी *अविचलित* बनी रहती है। 🤔 *मनन:* - क्या आप अपनी *जाग्रत, स्वप्न और सुषुप्ति* अवस्थाओं के बीच होने वाले बदलाव को पहचान सकते हैं? - क्या आप इनमें *एक स्थायी साक्षी* की उपस्थिति महसूस कर सकते हैं? - क्या आप *अपने भीतर के वीरेश* को अनुभव कर पा रहे हैं? 🧘 *अभ्यास:* ✅ **चेतना के परिवर्तनों का अवलोकन (Awareness in Transition):** 📌 *दिनभर अपनी चेतना में आने वाले परिवर्तनों को नोट करें—जब आप जाग्रत अवस्था में होते हैं, जब आप स्वप्न में होते हैं, और जब आप गहरी निद्रा में होते हैं।* 📌 *देखें कि इनमें एक स्थायी जागरूकता बनी रहती है।* ✅ **वीरेश पर ध्यान (Meditation on Vīreśa):** 📌 *ध्यान करते समय अपनी चित्तवृत्तियों का निरीक्षण करें।* 📌 *सोचें—"मैं कौन हूँ?" क्या मैं शरीर हूँ, मन हूँ, या वह शुद्ध साक्षी जो इन तीनों को देख रहा है?"* 🌟 *इस सूत्र के माध्यम से हम यह समझ सकते हैं कि हमारी सच्ची पहचान वीरेश—तीनों अवस्थाओं का अनुभव करने वाला शुद्ध चैतन्य है।* यदि हम इस सत्य को आत्मसात करें, तो जीवन के उतार-चढ़ाव हमें प्रभावित नहीं कर सकते! 🌀 *कल हमारे साथ जुड़ें, जब हम शिव सूत्रों के अगले रहस्यों को उजागर करेंगे!* 🔥 *"rudrametaverse" के साथ जुड़े रहें और आत्मबोध की इस यात्रा में सहभागी बनें!* 🚩 🔱 *ॐ नमो वीरेशाय* 🌟 (*सर्वज्ञ साक्षी को नमन!*)
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