जाने जैन इतिहास को ✨
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February 6, 2025 at 01:56 AM
*6 फरवरी* *कब क्या हुआ!* - जाने तेरापंथ के इतिहास को सन् 1951 भिवानी मर्यादा महोत्सव के अवसर पर लेखपत्र का हिंदी भाषा में रूपान्तरण हुआ। *लेख-पत्र* आचार्य भिक्षु कृत संविधान के आधार पर श्रीमज्जयाचार्य के युग में वि. सं. 1914 में लिखा गया 'लिखत' हाजरी में सामूहिक रूप से पढ़कर सुनाया जाता था। वैयक्तिक रूप में प्रतिदिन बोला जाता था। सब साधुओं को उस 'लिखत' की स्वीकृति में प्रतिदिन अपने हस्ताक्षर भी करने होते थे। आचार्यश्री तुलसी ने वर्तमान की उपयोगिता को ध्यान में रखते हुए सन् 1951 (वि. सं. 2007) भिवानी मर्यादा महोत्सव के अवसर पर उस लिखत का हिन्दी भाषा में रूपान्तरण किया। उसकी मूल आत्मा को सुरक्षित रखते हुए उस के परिधान को बदल दिया। तब से अब तक वह लेखपत्र साधु-साध्वियों द्वारा प्रतिदिन बोला जाता है और हाजरी में भी बोला जाता है। हस्ताक्षर की परम्परा समाप्त कर दी गई। जैन धर्म को जानने के लिए चैनल से जुड़े - https://whatsapp.com/channel/0029VayfLav6GcG8zAG6gz2G *समण संस्कृति संकाय* कार्यालय संपर्क सूत्र- *9784762373, 9694442373, 9785442373* 📲 प्रस्तुति : *समण संस्कृति संकाय, जैन विश्व भारती* 📲 संप्रसारक : *अभातेयुप जैन तेरापंथ न्यूज़*

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