जाने जैन इतिहास को ✨
February 11, 2025 at 04:19 AM
*11 फरवरी*
*कब क्या हुआ!*
- जाने तेरापंथ के इतिहास को
सवर्तमान मे प्रचलित मुंह पट्टी (मुखवस्त्रिका) का सर्वप्रथम निर्माण साध्वीश्री दीपाजी (जोजावर) ने किया।
एक बार आचार्य रायचंदजी की सन्निधि मे साध्वीश्री दीपाजी ( जोजावर) मुखवस्त्रिका सुखाकर समेट रही थी l उनका ध्यान आचार्यप्रवर की ओर था l समेटते - समेटते मुखवस्त्रिका चौड़ाई के बदले लम्बाई की ओर मुड़ गई l कभी- कभी सहज घटने वाली घटना इतिहास का दुर्लभ दस्तावेज बन जाती है, ऐसा ही उस दिन हुआ आचार्य रायचंदजी ने साध्वीश्री की ओर देखा और वही खड़े जीतमुनि ( आचार्य जीतमलजी) ने बड़ी गंभीरता से मुखवस्त्रिका को देखते हुए चिन्तन करने लगे ओर जसोल वाला उन्हें नहीं पहचाननें वाला संस्मरण सुनाया l तेरापंथ की विषेश पहचान कैसे बने ? यह वे सोच ही रहे थे तब साध्वीश्री के हाथ में नई शैली की मुखवस्त्रिका देख बोले यह मुखवस्त्रिका अच्छी लग रही है l तभी आचार्य रायचंदजी ने साध्वीयों के मुख पर बंधाकर देखा तो मुखवस्त्रिका अच्छी लगी बस इसी क्षण एक नया परिवर्तन हो गया और तेरापंथ की नई पहचान बन गईl
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*समण संस्कृति संकाय*
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📲 प्रस्तुति : *समण संस्कृति संकाय, जैन विश्व भारती*
📲 संप्रसारक : *अभातेयुप जैन तेरापंथ न्यूज़*