
जाने जैन इतिहास को ✨
February 20, 2025 at 02:16 AM
*20 फरवरी*
*कब क्या हुआ!*
- जाने तेरापंथ के इतिहास को
सन 1955 उज्जैन से वर्तमान आचार्य का जन्मदिन नियमित मनाना प्रारंभ हुआ
सन् 1953, 8 नवम्बर (वि. सं. 2010) जोधपुर चातुर्मास । आचार्यश्री तुलसी का 40वां जन्मदिन था। कुछ लोगों ने जन्मदिन मनाने का आग्रह किया। जन्मदिन मनाने की परम्परा नहीं थी। पूर्ववर्ती आचार्यों ने कभी अपना जन्मदिन नहीं मनाया। जोधपुर के श्रावकों ने युक्तिपूर्वक आचार्यश्री तुलसी से जन्मदिन मनाने की सहमति प्राप्त कर ली। अप्रत्याशित रूप से कार्यक्रम मनाया गया। पर वह सार्वजनिक नहीं मनाया गया। सन् 1955 (वि. सं. 2012) उज्जैन चातुर्मास के दौरान कार्तिक शुक्ला द्वितीया को आचार्य श्री तुलसी का 42वां जन्मदिन था। उस दिन साधु-साध्वियों ने जन्मदिन मनाने के लिए आग्रह भरा निवेदन किया। आचार्यश्री ने कहा-'मनाना चाहते हो तो मनाओ। पर उसका तरीका नया होना चाहिए। इसे निमित्त बनाकर साहित्य और कला के क्षेत्र में विकास किया जाए, अपनी प्रतिभा को नई स्फुरणा दी जाए और सृजनात्मक चेतना को जगाया जाए। तब ही जन्मदिन मनाना सार्थक हो सकता है।
उज्जैन में सुनियोजित ढंग से पहली बार जन्मदिन मनाया गया। इसके बाद प्रतिवर्ष जन्मदिन मनाने का क्रम शुरू हो गया।
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*समण संस्कृति संकाय*
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