
जाने जैन इतिहास को ✨
March 2, 2025 at 03:24 AM
*02 मार्च*
*कब क्या हुआ!*
- जाने तेरापंथ के इतिहास को
सन् 1977 से 70 वर्ष के बाद समुच्चय के सभी कार्यों से छूट रहने का प्रावधान हुआ।
समुच्चय के कार्य से मुक्त
वि. सं. 2017 माघ कृष्णा 11 सरदारगढ़ में एक सामूहिक चिंतन गोष्ठी हुई। विचार सामने आया कि दीक्षा क्रम से प्रत्येक व्यक्ति द्वारा समुच्चय के कार्य किए जाते हैं। पर एक निश्चित आयु-सीमा के बाद समुच्चय के कार्य की छूट हो जानी चाहिए। 80 वर्ष के बड़े-बूढ़ों को आज समुच्चय का कार्य करना पड़ता है तो उन्हें बहुत मुश्किल होती है। आमेट मर्यादा महोत्सव में इस विचार की क्रियान्विति हुई ।
23 जनवरी 1961 (वि. सं. 2017 माघ शुक्ला सप्तमी) को यह निर्णय लिया गया कि 65 वर्ष की अवस्था के बाद बारी व बाजोटों के काम की तथा 70 वर्ष के बाद समुच्चय के सभी कार्यों की छूट रहेगी । जनवरी, 1977 (वि. सं. 2033) के मर्यादा महोत्सव से 65 वर्ष की अवस्था की बात को अप्रभावी कर दिया गया। वर्तमान में सारे कार्य सत्तर वर्ष की उम्र तक लागू हैं।
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*समण संस्कृति संकाय*
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📲 प्रस्तुति : *समण संस्कृति संकाय, जैन विश्व भारती*
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