
RadheRadheje™
February 20, 2025 at 12:50 PM
*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*⛅दिनांक - 21 फरवरी 2025*
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*⛅दिन - शुक्रवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2081*
*⛅अयन - उत्तरायण*
*⛅ऋतु - बसन्त*
*⛅मास - फाल्गुन*
*⛅पक्ष - कृष्ण*
*⛅तिथि - अष्टमी दोपहर 11:57 तक तत्पश्चात नवमी*
*⛅नक्षत्र - अनुराधा दोपहर 03:54 तक तत्पश्चात ज्येष्ठा*
*⛅योग - व्याघात दोपहर 11:59 तक, तत्पश्चात हर्षण*
*⛅राहु काल - सुबह 11:27 से दोपहर 12:53 तक*
*⛅सूर्योदय - 07:11*
*⛅सूर्यास्त - 06:35*
*⛅दिशा शूल - पश्चिम दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:28 से 06:18 तक*
*⛅अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:30 से दोपहर 01:16 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:28 फरवरी 22 से रात्रि 01:18 फरवरी 22 तक*
*⛅व्रत पर्व विवरण - जानकी जयंती, सर्वार्थसिद्धि योग (प्रातः 07:08 से दोपहर 03:54 तक)*
*⛅विशेष - नवमी को लौकी खाना गौमाँस के समान त्याज्य है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*🔹अंतःकरण के दोष व उनकी निवृत्ति🔹*
*🔸(१) चंचलता : सत्य अथवा स्थिर तत्त्व से योग न होने के कारण मन में चंचलतारूपी दोष है, इसीसे अंदर दुर्बलता रहा करती है ।*
*🔸जगत के देहादिक असत् पदार्थों एवं विषय-सुखों से वैराग्य दृढ होने पर जब अभ्यास के द्वारा एक सत्य आधार में मन स्थिर होता है, तभी इस दोष की निवृत्ति होती है ।*
*🔸(२) मलिनता : चित्त में असत् संबंध के कारण असत् चिंतन होते रहने से मलिनतारूपी दोष है, इसीसे खिन्नता रहा करती है ।*
*🔸मन के स्थिर होने पर एक ‘सत् पदार्थ के चिंतन में जब चित्त तल्लीन होता है तभी यह दोष दूर होता है ।*
*🔸(३) अज्ञान : बुद्धि में आत्मज्ञानी संतपुरुष का संग (सत्संग) न मिलने के कारण अज्ञानरूपी दोष है, इसीसे मनुष्य में मूढता रहा करती है ।*
*🔸मन तथा चित्त के स्थिर और शुद्ध होने पर ही मानव-बुद्धि स्वस्थ एवं शांत होकर संत, सद्गुरुदेव से, सुसंग से सद्ज्ञान-प्रकाशपूर्ण होती है । इसीसे अज्ञानरूपी दोष का नाश होता है ।*
*🔸(४) ममता : अहं में देहादिक पदार्थों के प्रति ममतारूपी दोष है । इसीके कारण आसक्ति एवं जड़ता रहा करती है ।*
*🔸सद्ज्ञान-प्रकाश में ही अहं का मिथ्या पदार्थों के प्रति अहमन्यता (अहंता-इदंता) रूपी दोष सत्स्वरूपाभिमान में परिणत हो जाता है, इसी से जड़तारूपी दोष की निवृत्ति होती है ।*
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