RSS  राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ
                                
                            
                            
                    
                                
                                
                                February 2, 2025 at 05:13 AM
                               
                            
                        
                            महो अर्णः सरस्वती प्र चेतयति केतुना ।
धियो विश्वा वि राजति 
- ऋग्वेद ॥१.३.१२॥
हे देवी सरस्वती, आप अपने विशाल सागर से हमें ज्ञान प्रदान कर रही हैं। कृपया इस ब्रह्मांड को अपनी अपार बुद्धि से सुशोभित करें।
~ t.me/Rssindss 🚩
वसन्तपञ्चमी-उत्सवस्य शुभाशया: ।
                        
                    
                    
                    
                    
                    
                                    
                                        
                                            🙏
                                        
                                    
                                        
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