🌹Islami Khushbu🌹
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February 3, 2025 at 08:30 PM
`क़मर ग़नी उस्मानी साहब की 9 रोज़ा भूख हड़ताल कामयाब रही` `सेंट्रल जेल से हजरत क़मर ग़नी उस्मानी साहब का अहम पैगाम आप सभी हजरात के नाम` आज ब तारीख 31/1/2025 बरोज जुम्मा को हज़रत क़मर ग़नी उस्मानी साहब से मिलने सेंट्रल जेल जाना हुआ....! हजरत उस्मानी साहब मुसलसल 9 दिन से भूख हड़ताल पे थे, सेहरी और इफ्तारी में सिर्फ पानी पे इकतेफा करते थे...9 दिन गुजर जाने के बाद ऐसा महसूस हुआ के शायद हज़रत बहुत बीमार पड़ गए होंगे उनकी सिहत का क्या हुआ होगा, क्यों के आप पहले से ही बीमार चल रहे थे,जिस्म में बहुत कमज़ोरी आ गई होगी इस तरह के बेशुमार खयालात ज़हन में उभरते रहे लेकिन जब हजरत उस्मानी साहब से मुलाक़ात हुई तो उस्मानी साहब को देख के आंखे फटी की फटी रह गई, जब उस्मानी साहब को बगैर व्हील चेयर पे देखा, वैसे उस्मानी साहब हमेशा व्हील चेयर पे बैठ के आते थे, लेकिन आज बगैर चेयर के थे,और पहले से ज्यादा सेहतमंद नज़र आए, उस्मानी साहब ने बताया के में पहले से ज्यादा अपने जिस्म में रूहानी कुव्वत महसूस करता हूं,अलहम्दुलिल्लाह। `आमदम बर सरे मतलब` उस्मानी साहब से खेरो खैरियत के बाद हम ने अर्ज़ की हुजूर आप के इस जुर्रत मंदाना इकदाम और अवामे अहले सुन्नत की बेदारी का नतीजा ये हुआ के 27 जनवरी को जो शर पसंदों की जानिब से गुस्ताखियों का जो मंसूबा था वो कामयाब न हो सका,ये सुन कर उस्मानी साहब ने अल्लाह तआला का शुक्रिया अदा किया और आप ने अवामो खास अहले सुन्नत दीनी बेदारी पर खुशी का इजहार फरमाया और साथ ही फरमाया के इस शर्त के साथ के मेरे मोहब्बिन आइंदा दस्तूरे हिंद के दायरे में तहफ्फुजे नामूसे रिसालत पर पहरेदारी के फ़रायिज अंजाम देते रहेंगे मैं 9 दिन की मूसलसल भूख हड़ताल को खत्म करके आज इफ्तार में पानी के साथ खाना भी लूंगा मगर अगर बाहर खुली फिजा में जीने वाले रसूले पाक सल्लल्लाहो तआला अलैहि वसल्लम के गुलाम फिर सो गए तो फिर से हमें इस तरह के इकदाम मजबूरन करने पड़ेंगे..! `दूसरी बात` आप हजरात के लिए जिन लोगों ने भी आवाज़ उठाई,उन सभी हजरात का तह दिल से शुक्रिया अदा किया,अल्लाह तआला आप सभी हजरात को उसका बेहतर बदला अता फरमाए, आमीन हज़रत क़मर ग़नी उस्मानी साहब ने ये कही के आप हजरात हमारी तंजीम का एक हिस्सा बन जाए, हमारी तंजीम के तमाम अराकिन की हौंसला अफजाई फरमाएं, एक बंदा एक दिन का सिर्फ एक रुपया हमारी तंजीम को दें, अल्लाह तआला आप के दिए हुए उस एक रूपये में बेपनाह बरकतें अता फरमाएगा, तंजीम तहरीके फ़रोगे इस्लाम को हर तरीके से मजबूत करें, हर शहर में TFI की शाखें खोलें, क़ानून के दायरे में रह कर खिदमते ख़ल्क़ और खिदमते दिन करते रहें, हमारी तंजीम के जो भी अराकिन जहां भी तंजीम के हवाले से जाए तो उनका खैर मक़दम करें, आप हजरात उन्हें ये महसूस न होने दें के क़मर गनी उस्मानी जैल में बंद है तो हम अकेले हो गए, और तहरीक का काम कमजोर पड़ गया, ऐसा महसूस न होने दें बल्कि हर शख्स अपनी हैसियत के मुताबिक़ काम करें, ना समझ मरते हैं जिंदगी के लिए जीना मरना है सब कुछ नबी के लिए पैग़ाम रसा अन्सारी रफीक नूरी के साथ अब्दुल अमीन बरकाती अहमदाबाद गुजरात

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