
JUDGE BOOK
February 20, 2025 at 02:45 AM
CRPC के महत्वपूर्ण निर्णय:👇👇👇✅
1. ललिता कुमारी बनाम यूपी राज्य
: संज्ञेय मामलों में एफआईआर अनिवार्य
2. “मो। अहमद खान बनाम शाह बानो बेगम
: सीआरपीसी सेकुलर की धारा 125
· 3. डी। के। बसु बनाम बंगाल राज्य
: गिरफ्तार व्यक्ति के अधिकारों से संबंधित SC दिशानिर्देश
4. नीलाभती बहेरा बनाम उड़ीसा राज्य।
: गैरकानूनी गिरफ्तारी और बंदी के मामले में मुआवजा
5. शीला बरसे बनाम महाराष्ट्र राज्य
: गिरफ्तारी से संबंधित महिलाओं के अधिकार
6. जोगिंदर कुमार बनाम यूपी राज्य
: गिरफ्तार व्यक्ति के अधिकारों से संबंधित SC दिशानिर्देश
7. चुनमुनिया बनाम वीरेंद्र कुमार सिंह कुशवाहा
: लिव-इन-रिलेशनशिप में रखरखाव का अधिकार
8. शिव शंकर सिंह बनाम बिहार राज्य
: मल्टीपल एफआईआर दर्ज करना
9. "सत्य पाल सिंह बनाम मप्र राज्य।
: मृतक पीड़ित के पिता को अपील करने का अधिकार है
13. उत्तर प्रदेश राज्य बनाम सिंघारा सिंह
: आवश्यक प्रभाव से धारा 164 मजिस्ट्रेट को उसके द्वारा किए गए कबूलनामे के मौखिक साक्ष्य देने से रोकती है
11. मध्य प्रदेश राज्य बनाम रुस्तम
: सीआरपीसी की 60/90 दिन की अवधि की गणना
12. सीबीआई बनाम अनुपम जे। कुलकर्णी
: पुलिस रिमांड 15 दिनों से अधिक नहीं हो सकती
13. मुबारक अली बनाम बॉम्बे राज्य।
: अधिनियम जहां किया जाता है, वहां अपराध
14. शकुंतला देवी बनाम यू.पी. राज्य
: सिविल रेमेडी की उपलब्धता सीआरपीसी के किसी मामले को दर्ज नहीं करती है
15. दीना नाथ बनाम सम्राट
: गंभीर या जटिल मामलों में कोई सारांश परीक्षण नहीं
16. सुरेंद्र सिंह बनाम यूपी राज्य
: जहां एक जज ने जो जजमेंट लिखा था, उसकी डिलीवरी होने या सुनाए जाने से पहले ही उसकी मृत्यु हो गई, दूसरा जज उसे डिलीवर नहीं कर सकता
17. नरेश बनाम यूपी राज्य
: एचसी द्वारा एक यू / एस 304 आईपीसी के लिए कन्वेंशन यू / एस 302 आईपीसी में परिवर्तन सीआरपीसी के यू / एस 362 के लिए उचित नहीं है
18. अशोक कुमार बनाम यूओआई
: सीआरपीसी की धारा 433-ए की संवैधानिक वैधता
19. रसिकलाल बनाम किशोर खानचंद वाधवानी
: जमानती अपराधों में यू / एस 436 को जमानत देने का अधिकार एक पूर्ण और अनिश्चित अधिकार है
20. गुरबख्श सिंह सिब्बिया बनाम पंजाब राज्य
: अग्रिम जमानत से संबंधित एससी दिशानिर्देश
21. जगदीश राम बनाम राजस्थान राज्य
: देरी के कारण एफआईआर दर्ज करना
22. राज्य के सांसद बनाम मदन लाल
: बलात्कार के मामलों में कोई समझौता नहीं
23. मनोहर सिंह बनाम राजस्थान राज्य
: अपराध के शिकार को मुआवजा
24. एस.आर. सुकुमार बनाम सुन्नद रघुराम
: शिकायत में संशोधन किया जा सकता है
25. सिद्धार्थ वशिष्ठ बनाम राज्य (दिल्ली का एनसीटी)
: Cognic Telephonic का एक संज्ञेय अपराध का संदेश F.I.R के रूप में नहीं माना जाएगा
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