
Arvind Kumar Mishra
February 20, 2025 at 01:54 AM
उम्र यूँ कटी, दो अल्फ़ाज़ में,,
एक आस में ,एक काश में।।
रिश्ते यु टूटे ,, झूठे भरोसे पे ,,
एक सांस से , दूसरे आस से ।।