MCX CAPITAL TRADING ACADEMY
                                
                            
                            
                    
                                
                                
                                February 28, 2025 at 06:27 PM
                               
                            
                        
                            रिपोर्ट में 28 फरवरी को भारतीय शेयर बाजार में आई भारी गिरावट पर चर्चा की गई है, जिसमें इस गिरावट के पीछे के कारणों और इसके संभावित परिणामों का विवरण दिया गया है। नीचे रिपोर्ट का स्पष्ट और संरचित विवरण दिया गया है:
28 फरवरी को बाजार में गिरावट
सेंसेक्स 1,420 अंक गिरकर 7,312 पर बंद हुआ।
निफ्टी 418 अंक गिरकर 22,126 पर बंद हुआ।
इस तीव्र गिरावट के कारण बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों के बाजार पूंजीकरण में भारी गिरावट आई।
नया रिकॉर्ड: निफ्टी लगातार पांच महीनों से लाल निशान में बंद हुआ है, जो 1996 के बाद से नहीं देखा गया है।
बाजार में गिरावट के पीछे पांच प्रमुख कारण
1. वैश्विक व्यापार युद्ध का डर
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 4 मार्च से प्रभावी कनाडा और मैक्सिको से आने वाले सामानों पर 25% टैरिफ की घोषणा की।
इसके अतिरिक्त, चीनी आयात पर 10% अतिरिक्त टैरिफ लगाया गया।
इससे वैश्विक बाजारों में अनिश्चितता पैदा हो गई, क्योंकि प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के बीच व्यापार युद्ध वैश्विक व्यापार को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है।
 बाजार विशेषज्ञ वीके विजय कुमार ने कहा कि शेयर बाजार अनिश्चितता को नापसंद करते हैं, जो ट्रम्प के पदभार संभालने के बाद से बढ़ रही है।
2. एशियाई शेयर बाजारों में कमजोरी
प्रमुख एशियाई शेयर बाजारों में उल्लेखनीय गिरावट देखी गई:
हांगकांग का हैंग सेंग इंडेक्स 2.3% गिरा, जिसने छह सप्ताह की तेजी को तोड़ दिया।
चीन के सीएसआई 300 इंडेक्स में 0.8% की गिरावट आई।
शंघाई कंपोजिट इंडेक्स में 0.9% की गिरावट आई।
जापान के शेयर बाजारों में पांच महीनों में सबसे बड़ी विदेशी निवेशक बिकवाली देखी गई, जिसमें 1 ट्रिलियन डॉलर से अधिक की निकासी हुई।
इस वैश्विक बिकवाली ने भारत में निवेशकों की भावना को प्रभावित किया, जिससे खुदरा निवेशकों में घबराहट में बिकवाली हुई।
3. एआई सेक्टर की वृद्धि के बारे में संदेह
एआई उद्योग के नेता आदिया ने उम्मीद से कमज़ोर तिमाही परिणामों की सूचना दी, जिससे वैश्विक तकनीकी शेयरों में गिरावट आई।
आदिया के शेयर की कीमत रातोंरात 85% गिर गई।
एक चीनी प्रतियोगी (डिप्स कंपनी) ने सस्ते चिप्स का उपयोग करके उन्नत एआई मॉडल पेश किए हैं, जो उद्योग के नेताओं को चुनौती दे रहे हैं।
 निवेशकों ने एआई क्षेत्र की विकास क्षमता में विश्वास खो दिया, जिससे बाजार में अस्थिरता आई।
4. अमेरिकी आर्थिक मंदी के बारे में चिंताएँ
अमेरिका ने साप्ताहिक बेरोजगारी दावों में तेज वृद्धि की सूचना दी, जिससे आर्थिक मंदी की आशंकाएँ बढ़ गईं।
ट्रम्प के टैरिफ के कारण मुद्रास्फीति की चिंताएँ पहले से ही बढ़ रही थीं।
अमेरिकी बाजार पर बहुत अधिक निर्भर रहने वाले आईटी शेयरों में तेज गिरावट आई:
निफ्टी आईटी इंडेक्स में आज 4% की गिरावट आई।
इस सप्ताह आईटी शेयरों में 8% की गिरावट आई है, जबकि निफ्टी 50 में 2% की गिरावट आई है।
5. विदेशी निवेशक भारत के बजाय चीन को प्राथमिकता देते हैं
चीन का शेयर बाजार वर्तमान में भारत के मुकाबले सस्ता है, जिससे यह विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) के लिए अधिक आकर्षक बन गया है।
चीनी सरकार ने हाल ही में आर्थिक सुधारों की घोषणा की, जिससे निवेशकों का विश्वास बढ़ा।
परिणामस्वरूप, एफआईआई ने भारतीय बाजारों से पैसा निकाल लिया और अपना निवेश चीन में स्थानांतरित कर दिया।
विशेषज्ञों की राय और भविष्य का दृष्टिकोण
वीके विजय कुमार ने कहा कि जब तक ट्रम्प की टैरिफ नीतियों का समाधान नहीं हो जाता, तब तक बाजार में स्थिरता की संभावना नहीं है।
 हालांकि, उन्होंने कहा कि गिरावट की इतनी लंबी अवधि के बाद, लार्ज-कैप स्टॉक अधिक आकर्षक रूप से मूल्यवान हो गए हैं। आने वाले महीनों में आक्रामक विदेशी बिक्री कम हो सकती है। भारत का दीर्घकालिक दृष्टिकोण मजबूत बना हुआ है, और निवेशकों को उचित कीमतों पर गुणवत्ता वाले लार्ज-कैप स्टॉक जमा करने पर विचार करना चाहिए। अंतिम विचार 28 फरवरी को भारतीय शेयर बाजार में गिरावट वैश्विक व्यापार युद्ध की आशंकाओं, एशियाई बाजारों में कमजोरी, एआई क्षेत्र की चिंताओं, अमेरिकी आर्थिक मंदी और विदेशी निवेशकों की निकासी के कारण हुई। जबकि अल्पकालिक दृष्टिकोण अनिश्चित है, दीर्घकालिक निवेशकों को लार्ज-कैप स्टॉक में अवसर मिल सकते हैं।