
N Mandal
May 21, 2025 at 05:19 AM
*"जीवन का रण"*
कर्म कभी रिश्वत नहीं लेता,
हर पाप-पुण्य सामने आता है।
जो खुद से हारता नहीं,
वही हर जंग में जीत जाता है।
मायूस मत हो सखे,
जीवन हर मोड़ पे चमत्कार करता है।
जो टूटा है, वहीं से
नई रोशनी का द्वार खुलता है।
मिट्टी से निकले जो दीपक,
अंधेरों से न डरते हैं।
गांव की गोद में पले वीर,
तूफानों से लड़ते हैं।
बस चलो विश्वास लिए,
जीवन सुंदर जरूर बनेगा।
सच्चे कर्मों की जोत जलेगी,
अंधियारा खुद सिमट जाएगा।
*© N Mandal*
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