तेज न्यूज24®
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June 5, 2025 at 11:28 AM
*ये पूरा परिवार ही राष्ट्रविरोधी गतिविधियों को लिप्त रहा है* अपडेट: श्याम अवस्थी जयपुर। कांग्रेस विधायक शालेह मोहम्मद और जिला प्रमुख अब्दुला फकीर के पिता गाजी फकीर की हिस्ट्रीशीट मामले में जैसलमेर से हटाए गए पुलिस अधीक्षक पंकज चौधरी ने सोमवार को एक बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि ये पूरा परिवार ही राष्ट्रविरोधी गतिविधियों को लिप्त रहा है। उन्होंने कहा कि कुछ समय पूर्व सरहद पर पकड़े गए आईएसआई एजेंट सुमेर खान विधायक शालेह मोहम्मद के पेट्रोल पम्प पर ही काम करता था। गाजी फकीर परिवार के पेट्रोल पम्प पर काम करने वाले व्यक्ति के बारे में पूरे परिवार को जानकारी नहीं हो ऐसा हो नहीं सकता,इस परिवार ने आईएसएस एजेंट की मदद की। उन्होंने कहा कि वैसे भी गाजी फकीर पर तस्करी, पाक से सटी जैसलमेर की सीमा में अवैध घुसपैठ, अवैध हथियार रखने सहित राष्ट्र विरोधी हरकतों में शामिल होने के पुलिस के पास कई सबूत है। उन्होंने कहा कि 26 साल पूर्व उसकी हिस्ट्रीशीट बंद करना गलत था। जैसलमेर में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि ट्रांसफर सरकार की पॉलिसी का हिस्सा है। हालांकि हिस्ट्रीशीट खोलने से जोड़ कर भी देखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि हिस्ट्रीशीट री-ओपन नहीं करने का दबाव था, लेकिन उन्होंने नियमानुसार कार्य किया है। गौरतलब है कि गाजी फकीर की हिस्ट्रीशीट 31 जुलाई 1965 को खोली गई थी। तब से गाजी का नाम कोतवाली थाने के हिस्ट्रीशीटरों में दर्ज था। जैसलमेर के पूर्व एसपी अंशुमान भोमिया का तबादला 31 मई 11 को हुआ और ममता विश्नोई ने 18 मई 11 को कार्यभार ग्रहण किया। इस बीच पचास दिन तक जैसलमेर में एसपी पद खाली रहा। तब एएसपी गणपतलाल ने मामला विश्नोई के ज्वाइन करने से पांच दिन पहले 12 मई 11 को गाजी फकीर की हिस्ट्रीशीट बंद कर दी जबकि आरपीआर नियम कहता है कि हिस्ट्रीशीट का फैसला सिर्फ एसपी ही कर सकता है। गाजी फकीर का पाकिस्तान सीमा पर सटे जैसलमेर एवं बाड़मेर जिलों में पिछले 50 साल से जबरदस्त वर्चस्व है। वे पाकिस्तान के पीर-पगारों के अनुयायी और भारत में उनके प्रतिनिधि के तौर पर कई सालों से काम कर रहे है। वे पीर-पगारों से मिलने पाकिस्तान जाते रहे है। उनका संदेश अपने समाज में प्रचारित करते है। आपराधिक रिकॉर्ड के कारण गाजी फकीर की हिस्ट्रीशीट 31 जुलाई, 1965 की खोली गई थी। गाजी फकीर की हिस्ट्रीशीट बंद करने का आधार उनकी उम्र और आचरण को बनाया गया है। उनकी उम्र 70 वर्ष से ज्यादा हो चुकी है। और काफी समय से किसी आपराधिक गतिविधियों में उनकी भूमिका सामने नहीं आई है। इधर एसपी पंकज चौधरी ने रिलीव होने से पहले विधायक शालेह मोहम्मद के खिलाफ पुलिस कार्रवाई में दखल देने, लपकों को छुड़ाने और अभद्र व्यवहार करने का मुकदमा दर्ज करवा दिया है। मामला 17 मई का है। ऑपरेशन वेलकम टीम बासनपीर के पास सैलानियों की गाड़ी का पीछा कर रहे लपकों को पकड़ने गई थी। लपके भागू का गांव फांटा के पास पेट्रोल पंप पर रुक गए। पुलिस ने इन्हें पकड़कर वाहन में बिठाना चाहा तो शालेह मोहम्मद ने पुलिसकर्मी पप्पूराम मीना को पकड़ लिया और गाली गलौच करते हुए धमकियां दी। इधर कांग्रेस विधायक और जिला प्रमुख के पिता की हिस्ट्रीशीट खोलने के बाद हटाए गए जैसलमेर के पुलिस अधीक्षक पंकज चौधरी का मामला भाजपा संसद में उठाएगी। राज्य के भाजपा सांसदों को प्रदेश नेतृत्व की ओर से गाजी फकीर की 48 साल पुरानी हिस्ट्रीशीट से सम्बन्धी दस्तावेज मुहैया कराए गए है, जिससे वे अध्ययन कर सके।
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