
DREAM LBSNAA 📚📙🇮🇳
May 14, 2025 at 04:22 PM
"तू अगर लाइब्रेरी में बैठा है, तो तेरा दिमाग सिर्फ किताबों में नहीं उलझा... बल्कि मां की उम्मीदों में, पापा के सपनों में, रिश्तेदारों की तुलना में, और दोस्तों की नौकरी में भी भटक रहा है।
कभी-कभी पढ़ते-पढ़ते रुक जाता है क्योंकि सवाल पे नहीं, ज़िंदगी पे डाउट हो जाता है।
कभी किसी ने नहीं पूछा कि तू कैसा है, बस सब पूछते हैं 'कितने घंटे पढ़ता है?' पर सच ये है...
तू खुद से लड़ रहा है - हर रोज़, हर मिनट । और इस लड़ाई में हारने का हक़ तुझे नहीं दिया गया।
इसलिए तू चुप है... पर तू टूटा नहीं तू बस उस दिन के इंतज़ार में है, जब तेरे नाम के आगे लगेगा
*'चयनित'।"*

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