Qadri Samar Foundation
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June 5, 2025 at 05:27 AM
*क़ुर्बानी के जानवर में शरीक होने के मसाइल* *मस्अला :- जब क़ुर्बानी की शर्तें पाई जाएं तो एक बकरी ज़िबह् करना या ऊंट, गाय, भैंस वगैरह का सातवां हिस्सा वाजिब है। इससे कम नहीं हो सकता।* *मस्अला:- किसी भी शरीक का हिस्सा 7वें से कम है। तो किसी की क़ुर्बानी सही नहीं होगी।* *मस्अला:- बड़े जानवर में अगर 7 से कम शरीक हों, और हिस्से भी कम हों, लेकिन किसी का हिस्सा सातवें से कम नहीं तो जाइज़ है।* *मस्अला:- क़ुर्बानी के सब शरीकों की नीयत सवाब पाना हो।* *मस्अला:- अगर 7 लोगों में से कोई एक भी काफ़िर (देवबंदी, वहाबी, या कोई और बद-अक़ीदा) शरीक हो तो किसी की क़ुर्बानी दुरुस्त नहीं।* *मस्अला:- अगर 7 लोगों में से किसी एक की भी नियत सिर्फ़ गोश्त की हो, सवाब की ना हो तो किसी की क़ुर्बानी दुरुस्त नहीं।* *मस्अला:- अ़क़ीक़ा करने वाला क़ुर्बानी करने वालों के साथ शरीक हो सकता है।* *(📕बहार-ए-शरिअ़त, हिस्सा 15)*

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