EDU TERIA
May 23, 2025 at 09:38 AM
बिहार में ब्रिटिश के खिलाफ क्रांतिकारी संघर्ष
🔸जब कांग्रेस स्वशासन प्राप्त करने के लिए संवैधानिक तरीकों का पालन कर रही थी, तब कुछ राष्ट्रवादी उग्र विचारों का प्रचार कर क्रांतिकारी तरीकों का अनुसरण कर रहे थे।
🔸1905 में बंगाल के विभाजन और लॉर्ड कर्ज़न की नीतियों ने उग्र राष्ट्रवादियों को और अधिक सक्रिय बना दिया।
🔸बरीन्द्र कुमार घोष और भूपेन्द्र नाथ दत्त की गतिविधियों का बिहार पर प्रभाव पड़ा। 30 अप्रैल 1908 को मुज़फ्फरपुर में एक बम फेंका गया, जिसमें दो यूरोपीय महिलाएं – मिस्टर पिंगले कैनेडी की पत्नी और बेटी – मारी गईं।
🔸यह बम वास्तव में उस समय के मुजफ्फरपुर जिला न्यायाधीश किंग्सफोर्ड के लिए था, जिन्होंने राजनीतिक कार्यकर्ताओं को कड़ी सजाएँ देकर खुद को बेहद अतिचार्य बना लिया था।
🔸इस घटना के लिए खुदीराम बोस को गिरफ्तार किया गया और 11 अगस्त 1908 को फांसी दी गई, जबकि उनके साथी प्रफुल्ल चाकी ने खुद को गोली मार ली।

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