Sadhak Sewa Dal 🕉 (साधक सेवा दल 🕉)
May 15, 2025 at 09:15 AM
15 जनवरी 2025 को पूज्य बापूजी लगभग 12 साल में पहली बार व्यासपीठ पर बैठ कर साधकों के लिए ज्ञानमृत की वर्षा कर रहे थे। उसी दौरान सत्संग में व्याख्या करते हुए शिव जी के नाम की चर्चा के दौरान पूज्य बापूजी ने अपनी सुपुत्री भारती बहन के लिए बोला की ऐसे नहीं बोलते हैं कि शिव से ई की मात्रा हट जाए तो वो शव हो गया। उसके बाद पूज्य बापूजी ने अपने ही अंदाज में अपनी सुपुत्री के लिए कुछ शब्द कहे जो पूज्य बापूजी का अधिकार क्षेत्र है।
परंतु जैसे ही पूज्य बापूजी अपनी सुपुत्री के लिए कुछ बोलना शुरू किए वैसे ही पानीपत आश्रम में बैठे गद्दार लीगल टीम के गुर्गे दुराचारी संचालक अभिषेक पांडे ने अपने फोन से वो बात रिकॉर्ड करनी शुरू की । रिकॉर्ड करते हुए यह दो कौड़ी का गटर छाप सूअर यह भूल गया कि उसकी इस रिकॉर्डिंग में उसकी आईडी का फोटो भी दिख रहा है। इसने केवल पूज्य बापूजी जो अपनी सुपुत्री को बोल रहे है इतनी ही रिकॉर्डिंग निकाल कर अलग अलग फर्जी आईडी से भारत भर के ग्रुपों में भेज दी।
अब इस हरामजादे दो कौड़ी के काले सूअर जैसी शक्ल वाले से कोई पूछे कि जब पूज्य बापूजी इतने सालों में व्यासपीठ से पहली बार सत्संग दे रहे हैं तो क्या केवल यही बात रिकॉर्ड कर के फैलाने की आवश्यकता थी ? पूज्य बापूजी अपनी सुपुत्री के लिए कुछ बोल रहे हैं वह पूज्य बापूजी और उनकी सुपुत्री का निजी मामला है उसमें इसका क्या काम है ? दूसरा इस प्रकार से वीडियो निकालकर फ़ैलाना क्या सुप्रीम कोर्ट ने पूज्य बापूजी को आज्ञा दी है सत्संग कार्यक्रम की ? पर क्योंकि इस गद्दार लीगल टीम के गुर्गे कालनेमी अभिषेक पांडे के दिमाग में 24 घंटे इसी प्रकार के षडयंत्र चलते रहते हैं इसलिए इसने इस प्रकार की नीच हरकत को अंजाम दिया है। इसकी ये नीच हरकत यह स्पष्ट दर्शाती है कि इसके अंदर कितना कचरा भरा हुआ है। क्या इस गटर छाप ने वो सब वीडियो भी फैलाई है जिसमें पूज्य बापूजी आदिवासी छोरे ड्रामा , रेखा वक्ता , वासुदेवानंद , प्रेम , गद्दार अर्जुन या अन्य किसी आश्रमवासी के लिए बोल रहे है ?
गटर छाप अभिषेक पांडे ने अपनी इस हरकत से यह साफ कर दिया है कि ये दो कौड़ी का सूअर है , तथा षडयंत्र रचने में अव्वल दर्जे का मास्टरमाइंड है। पूज्य बापूजी अपने सत्संग में बताते है कि जैसे चींटी कूड़े के ढेर से भी चीनी खोज लेती है पर गुबरोला हमेशा गोबर में ही मुंह मारता है। वैसे ही अभिषेक पांडे जैसे दो कौड़ी के सूअर भी अमृत को छोड़ गटर में मुंह मारते हैं क्योंकि इनका अभ्यास ही षडयंत्र रचने का है। ऐसा लगता है कि इस जैसे गटर छाप आश्रम में केवल और केवल साधकों को लूटने और षडयंत्र रचने के लिए ही रह रहे हैं। पूज्य बापूजी के दिव्य ज्ञान से इनका कोई वास्ता नहीं है। पूज्य बापूजी के सत्संग को तो ये कालनेमी की तरह केवल साधकों को बेवकूफ बनाने के लिए इस्तेमाल करते हैं।
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