Sadhak Sewa Dal 🕉 (साधक सेवा दल 🕉)
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May 16, 2025 at 01:07 PM
बुद्ध पूर्णिमा के पावन पर्व पर हरिद्वार जैसी देव नगरी में नीच गद्दार लीगल टीम के गुर्गे संचालकों खास तौर पर संचालक रमेश तथा अखंड दुराचारी गद्दार आदिवासी छोरे ड्रामा ने साधकों की श्रद्धा के साथ बहुत बड़ा खिलवाड़ किया है। जो साधक सुबह से भूखे प्यासे दीक्षा के लिए बैठे थे तथा जो पूनम व्रतधारी पूज्य बापूजी का दर्शन करके प्रसाद ग्रहण करते थे उन सभी को इन नीच गद्दारों ने हरिद्वार आश्रम की पावन भूमि पर बुद्ध पूर्णिमा के पावन अवसर पर राजमा के अंदर प्याज एवं लहसुन डालकर परोस दिए। पूज्य बापू जी के अधिकतर साधक प्याज एवं लहसुन का प्रयोग नहीं करते हैं। इसी कारण साधक बाहर का खाना भी खाना पसंद नहीं करते हैं। परंतु इन दो कौड़ी के राक्षस प्रवृत्ति के लोगों ने सड़कों का धर्म भ्रष्ट कर दिया। जब कुछ साहसी जागरूक साधकों ने इसका विरोध किया तो पहले तो यह मानने से ही मना कर दिया कि इसमें कोई प्याज या लहसुन का प्रयोग किया गया है परंतु जब राजमा की सब्जी के अंदर से उसको निकाल कर दिखाया गया तब साधकों का बेवकूफ बनाने के लिए वही बात बोली गई जो पिछले 13 सालों से साधकों को बेवकूफ बनाने के लिए बोली जा रही है। सुनने में आ रहा है कि गद्दार आदिवासी छोरे ड्रामा ने बोला है कि जो भी आश्रम में बना है वह पूज्य बापूजी की आज्ञा से बना है। उसी में साथ में यह भी बोल रहा है कि आगे से इस बात का ध्यान रखा जाएगा। अरे नीच गद्दार सूअर अगर तुम नीच गद्दारों ने राजमा के अंदर प्याज एवं लहसुन पूज्य बापू जी की आज्ञा से ही डाले हैं तो फिर आगे से किस बात का ध्यान रखोगे। हकीकत यह है कि पूज्य बापूजी को इस बारे में शायद ही कोई जानकारी हो। इन नीच गद्दार सूअरों ने पूज्य बापूजी को एक झूठे केस में जेल में रखकर आश्रम को अपना अय्याशी का अड्डा बना लिया है। जहां मर्जी आश्रम के अंदर फ्लैट बनाकर बेच डालते हैं, कभी केमिकल युक्त तरह-तरह के डिब्बा बंद जूस साधकों को बेचकर पैसा कमाना चाहते हैं। विवेकवान जागरूक साधक खुद इस बात पर विचार करें कि क्या पूज्य बापूजी बुद्ध पूर्णिमा जैसे पावन पर्व के निमित्त हरिद्वार जैसी देव नगरी में मंत्र दीक्षा दिवस के दिन उन साधकों के लिए भोजन प्रसाद में प्याज एवं लहसुन डलवाएंगे। यह उदाहरण स्पष्ट है कि किस प्रकार यह नीच गद्दार अपनी राक्षसी नीच हरकतों पर पर्दा पूज्य बापूजी की आज्ञा का नाम लगाकर डालते हैं। अभी तो पूज्य गुरुदेव जमानत पर बाहर हैं तब ये नीच गद्दार इस प्रकार की बकवास पूज्य बापूजी की आज्ञा के नाम पर कर रहे हैं तो जब पूज्य गुरुदेव जेल में थे तब तो इनको खुली छूट मिली हुई थी अपने नीच कृत्यों को पूज्य बापूजी की आज्ञा के नाम पर पर्दा डालने की। जो भी जिम्मेदार साधक वहां मौजूद हैं वे इस घटना को पूज्य बापूजी के संज्ञान में अवश्य लाए। जो साधक वहां भेड़ों की तरह प्याज लहसुन वाला तथाकथित प्रसाद लेकर आ गए हैं उनको भी हम निवेदन करना चाहते हैं कि अपने बुद्धि और विवेक का प्रयोग कीजिए नहीं तो कल को ये नीच राक्षस आपको पूज्य बापूजी की आज्ञा के नाम पर भोजन में कुछ भी कचरा परोस सकते हैं।
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