
Magadh University Info
May 23, 2025 at 10:50 AM
*मगध विश्वविद्यालय द्वारा स्नातकोत्तर सत्र 2024–2026 में नामांकन के लिए स्पॉट राउंड का नोटिफिकेशन 22 मई को छात्रों के सामने आया। हालांकि, इस नोटिफिकेशन पर जारी करने की तारीख 21 मई दर्ज थी, लेकिन छात्रों को इसकी जानकारी वास्तव में 22 मई को शाम 3 बजे के बाद ही मिल सकी। यानी छात्रों को समय पर जानकारी ही नहीं मिली कि उन्हें आवेदन कब और कहाँ जमा करना है।*
*नोटिफिकेशन में यह लिखा था कि इच्छुक छात्र 22 मई को विश्वविद्यालय में डीएसडब्ल्यू कार्यालय जाकर अपना आवेदन जमा कर सकते हैं। सवाल यह उठता है कि जब नोटिफिकेशन शाम में जारी किया गया, तो उसी दिन कोई छात्र कैसे आवेदन जमा कर सकता है, खासकर तब जब कई छात्र दूर-दराज़ के इलाकों से आते हैं।*
*जब 23 मई को छात्र यूनिवर्सिटी पहुँचे, तो सबसे पहले उन्हें यह पता चला कि डीएसडब्ल्यू, जिनके पास आवेदन जमा होना था, वे उस दिन उपस्थित ही नहीं थे। आमतौर पर वे हिंदी विभाग में बैठते हैं, लेकिन वहाँ भी कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई। छात्रों को वहाँ से प्रशासनिक भवन भेजा गया।*
*प्रशासनिक भवन में भी छात्रों को टाल दिया गया और यह कहकर आवेदन लेने से मना कर दिया गया कि जब तक डीएसडब्ल्यू खुद मौजूद नहीं होंगे, तब तक कोई भी आवेदन स्वीकार नहीं किया जाएगा। इससे छात्रों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ा। इतनी गर्मी में दूर-दूर से आए छात्रों को यहाँ-वहाँ भटकना पड़ा और अंत में बिना कुछ किए वापस लौटना पड़ा।*
*सबसे बड़ी समस्या यह रही कि छात्रों को किसी तरह की कोई आधिकारिक जानकारी या आश्वासन नहीं दिया गया कि अब आवेदन कब लिए जाएंगे, या लिए भी जाएंगे या नहीं। न तो कोई तारीख बताई गई और न ही प्रक्रिया के बारे में कोई स्पष्टता दिखाई गई। छात्रों को बस इंतजार करने और इधर-उधर दौड़ने के लिए छोड़ दिया गया।*
*अब सवाल यह है कि जब विश्वविद्यालय को पहले से यह पता था कि छात्र सपोर्ट राउंड के लिए आवेदन जमा करने आएंगे, तो डीएसडब्ल्यू ने उसी दिन छुट्टी क्यों ली। क्या यह एक सोची-समझी लापरवाही थी या छात्रों को परेशान करने की एक योजना? पहले नोटिफिकेशन को जानबूझकर देर से जारी करना और फिर छात्रों को आवेदन जमा करने का मौका ही न देना, यह दोनों बातें गंभीर सवाल खड़े करती हैं।*
*छात्र कोई खिलौना नहीं हैं जिन्हें जैसे चाहा वैसे घुमा दिया जाए। उनका समय, मेहनत और भविष्य दांव पर लगाना विश्वविद्यालय प्रशासन की जिम्मेदारी की गंभीर अनदेखी है। प्रशासन को चाहिए कि वह इस मामले में स्पष्ट बयान जारी करे और छात्रों के लिए एक नई और सही तिथि तय करे ताकि उन्हें न्याय मिल सके और भविष्य में ऐसी लापरवाही दोबारा न हो।*
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