محمد جمال الدین خان قادِری
محمد جمال الدین خان قادِری
June 6, 2025 at 08:32 PM
नमाज़े ई़द का त़रीक़ह | बहारे शरीअ़त 📝 मुह़म्मद जमालुद्दीन ख़ान क़ादिरी https://whatsapp.com/channel/0029Va4xNTcBlHpj2ZXcdA3J नमाज़े ई़द का त़रीक़ह येह है कि 2 रक्अ़त वाजिब ई़दुल फ़ित़्र या ई़दे अद़ह़ा की निय्यत करके `[¹]` कानों तक हाथ उठाए और अल्लाहु अकबर कह कर हाथ बांध ले फिर सना पढ़े फिर (दूसरी मर्तबह) कानों तक हाथ उठाए और अल्लाहु अकबर कहता हुवा हाथ छोड़ दे फिर (तीसरी मर्तबह) हाथ उठाए और अल्लाहु अकबर कह कर हाथ छोड़ दे फिर (चौथी मर्तबह) हाथ उठाए और अल्लाहु अकबर कह कर हाथ बांध ले - यअ़्नी पहली तकबीर में हाथ बांधे, उसके बअ़्द 2 तकबीरों में हाथ लटकाए फिर चौथी तकबीर में बांध ले - इसको यूँ याद रखे कि जहाँ तकबीर के बअ़्द कुछ पढ़ना है वहाँ हाथ बांध लिए जाएं और जहाँ पढ़ना नहीं वहाँ हाथ छोड़ दिए जाएं, फिर इमाम अऊ़ज़ुबिल्लाह और बिस्मिल्लाह आहिस्तह पढ़ कर जह्-र (बलन्द आवाज़) के साथ अल्-ह़म्दु और सूरत पढ़े फिर रुकूअ़् व सजदह करे, दूसरी रक्अ़त में पहले अल्-ह़म्दु व सूरत पढ़े फिर 3 बार कान तक हाथ ले जाकर अल्लाहु अकबर कहे और हाथ न बांधे और चौथी बार बिग़ैर हाथ उठाए अल्लाहु अकबर कहता हुवा रुकूअ़् में जाए, इस से मअ़्लूम हो गया कि ई़दैन में ज़ाइद तकबीरें 6 हुईं, तीन पहली में क़िरअत से पहले और तकबीरे तह़रीमह के बअ़्द और तीन दूसरी में क़िरअत के बअ़्द, और तकबीरे रुकूअ़् से पहले और इन छओं तकबीरों में हाथ उठाए जाएंगे और हर दो तकबीरों के दर्मियान तीन तस्बीह़ की क़द्र सकतह करे - [बहारे शरीअ़त, जिल्द¹, ह़िस़्स़ह⁴, पेज ⁷⁸¹,⁷⁸²] `[¹]` *नमाज़े ई़दुल् अद़ह़ा की निय्यत:* निय्यत की मैं ने 2 रक्अ़त नमाज़ वाजिब ई़दुल् अद़ह़ा की 6 तकबीरों के साथ अल्लाह तआ़ला के लिए (मुक़्तदी इतना और कहे पीछे इस इमाम के) मुँह मेरा कअ़्बह शरीफ़ की त़रफ़ अल्लाहु अकबर ▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬ یہ تحریر `اردوUrdu उर्दू` مِیں ↶ https://whatsapp.com/channel/0029Va4xNTcBlHpj2ZXcdA3J/1127 Yeh Taḥreer `ᴿᵒᵐᵃⁿ ᵁʳᵈᵘ` Men ↷ https://whatsapp.com/channel/0029Va4xNTcBlHpj2ZXcdA3J/1125
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