
Dr. Sudhanshu Trivedi
May 14, 2025 at 05:17 PM
विपक्षी दल और कांग्रेस पार्टी यह कहते हैं कि वे सरकार के साथ खड़े हैं, तो यह उनके आचरण में भी दिखाई देना चाहिए। यदि आप साथ हैं तो मनसा, वाचा, कर्मणा के साथ दिखिए। वाचा अर्थात् बोलने के लिए समर्थन और कर्म कुछ और यह मन में संदेह उत्पन्न करता है।
यह मैं इसलिए कह रहा हूँ क्योंकि यह स्पष्ट है कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चल रहा है। किसी भी प्रकार का ‘युद्धविराम’ शब्द प्रयोग नहीं किया गया है यह ऑपरेशनल ब्रेक है, यानी एक अल्पविराम। ऐसे में, जब during the course of operation सवाल उठते हैं, तो यह नियत पर संदेह पैदा करता है।
पूर्णविराम आने दीजिए। उस समय यदि आप किसी भी प्रकार का विचार रखते हैं अथवा संसद के सत्र की बात करते हैं, तो वह बात समझी जा सकती है।
परंतु during the course of operation अगर यह प्रश्न उठाया जाता है, तो यह प्रश्न उठता है कि सरकार को समर्थन देने की बात कांग्रेस का मुख है या मुखौटा ?
यदि ईमानदारी से देश के साथ हैं तो इस समय ऐसी अनावश्यक और अवांछित बातों को उठाने से बचने का प्रयास करना चाहिए
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