
✫اچــھـی اور ســچـی بــاتــیـں✫🤲🏻◆☜ Àᴄᴄʜɪ ᴀᴏʀ ꜱᴀᴄᴄʜɪ ʙᴀᴛᴇɴ ᴄʜᴀɴɴᴇʟ꧁
June 2, 2025 at 01:08 AM
*दिखावे की क़ुर्बानी/*
क़ुरान शरीफ़ में लिखा है:
"अल्लाह तक तुम्हारी क़ुर्बानी का गोश्त या खून नहीं पहुँचता, बल्कि तुम्हारी नीयत (तक़्वा) अल्लाह तक पहुँचती है।"
(सूरह हज्ज, आयत 37)
क़ुर्बानी का असली मक़सद:
ईद-उल-अज़हा पर अक्सर लोग बड़े जानवर या ज़्यादा महंगे जानवर की क़ुर्बानी करके दिखावा करते हैं। लेकिन क़ुर्बानी में सबसे अहम बात सच्ची नीयत होती है। अगर नीयत साफ़ न हो, तो क़ुर्बानी का कोई फ़ायदा नहीं।
आज के हालात:
लोग महंगे जानवर दिखाने लगे हैं।
ज़्यादा गोश्त निकालने की नीयत होती है।
दिखावे के लिए कई-कई जानवर ज़बह (कुर्बान) करते हैं।
असल बात:
अल्लाह तआला तुम्हारी क़ुर्बानी का रूप या गोश्त नहीं देखता,
वो तो तुम्हारी नीयत और दिल की सच्चाई देखता है।
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