INQUILAB NEWS LIVE
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June 5, 2025 at 05:54 PM
"हर घर से एक डांसर निकलेगी!" एक सच्चाई... जिसे हम मज़ाक समझते रहे... मेरे एक बुज़ुर्ग दोस्त हैं — बहुत वक़ार वाले, मज़हबी मिज़ाज के। आज तबीयत खराब होने के बावजूद मिलने चले आए। चेहरे पर गहरी परेशानी थी। वजह पूछी तो आंखों से आंसू निकल पड़े। कहने लगे: "मेरी नातिन ने Instagram चैनल बना लिया है... खानदान में लड़कियों के रिश्ते रुक गए हैं।" माँ-बाप की ग़फ़लत और "आज़ाद ख्याली" ने मामला संगीन कर दिया। मैंने तसल्ली दी, हल बताए... तो कुछ राहत मिली। मगर दिल में एक सवाल गूंजता रहा: क्या वाकई वो वक़्त आ गया है जिसकी बुज़ुर्ग पहले से पेशगोई किया करते थे? "एक वक़्त आएगा, जब हर घर से एक नाचने वाली निकलेगी!" हम हँसते थे, गुस्सा भी करते थे... सोचते थे: "हमारी बेटियाँ? ये कैसे मुमकिन है?" मगर वक़्त बदला — और बहुत तेज़ी से बदला। 👗 दुपट्टा, जो इज़्ज़त की पहचान था, अलमारी में छुप गया। 👖 शलवारें, "फिटिंग" और "फैशन" के नाम पर सिकुड़ गईं। 📱 मोबाइल, हर हाथ में एक स्टेज बन गया। अब बेटियाँ — किचन, छत, सीढ़ियाँ — हर जगह "रिल्स" में नाचती दिखती हैं — लाखों व्यूज़ और "दिल" वाले इमोजी पाने के लिए। न शर्म रही, न हया... बस एक शो चल रहा है। हमने कहा: "ज़माना बदल गया है, फैशन है, जाने दो।" और यही "फैशन", आज एक नया निज़ाम बन गया है। 💔 बात सिर्फ़ नाच की नहीं है — ये हया के नज़रिए के ख़ात्मे की दास्तान है। आज गांव की लड़की भी कहती है — "मैं बॉस लेडी हूं", लाइव आकर बताती है: "मेहनत करो, मैं लाखों कमा चुकी हूं..." हमने बेटियों को इज़्ज़त सिखाने के बजाय, ख़ामोशी सिखा दी। 📌 याद रखिए! हमने पर्दा छोड़ा — स्टेज ने हमारी बेटियाँ ले लीं। अब भी वक़्त है...! ✔ सिर्फ़ लिबास नहीं — नज़रिया भी ठीक कीजिए। ✔ बेटियों को इज़्ज़त, हया और वक़ार सिखाइए। ✔ सोशल मीडिया को कोसने से पहले, अपनी खामोशी का हिसाब लीजिए। वर्ना आने वाले कल में सिर्फ़ नज़रें नहीं, नस्लें झुक जाएंगी। अब हम इस चैनल पर कोई भी न्यूज़ नहीं डाल सकते। आपसे गुज़ारिश है कि हमारा दूसरा चैनल *INQUILAB NEWS LIVE* ज़रूर फॉलो करें। नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कीजिए और देखिए पूरी दुनिया की खबरें, सीधा अपने मोबाइल पर। https://whatsapp.com/channel/0029Va9yWucElagsAVIyiY0m Please Share & React 💔

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