पीपीआईडी - झारखंड, PEOPLES PARTY OF INDIA DEMOCRATIC JHARKHAND
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May 31, 2025 at 04:06 AM
भारत का संविधान–संवैधानिक मूल्य, सिद्धांत और आदर्श संवैधानिक मूल्य, सिद्धांत और आदर्श वे मूलभूत तत्व हैं जो किसी देश के संविधान में निहित होते हैं और उसके शासन व्यवस्था को निर्देशित करते हैं। ये मूल्य, सिद्धांत और आदर्श नागरिकों के अधिकारों की रक्षा, सरकार के कार्यों को नियंत्रित करने और समाज में न्याय, समानता और स्वतंत्रता को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। भारत का संविधान में निहित *संवैधानिक मूल्य:* - *न्याय*: न्याय का अर्थ है कि सभी नागरिकों को समान अवसर और समान अधिकार मिलने चाहिए। - *समानता*: समानता का अर्थ है कि सभी नागरिकों को जाति, धर्म, लिंग, जन्म स्थान आदि के आधार पर भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए। - समता: समता का अर्थ यह हैं की जो देश के कमजोर वर्ग हैं उनके लिए विशेष प्रावधान, कार्य करके उन्हें सशक्त बनाया जाए ताकि देश में समानता स्थापित हो। - *स्वतंत्रता*: स्वतंत्रता का अर्थ है कि नागरिकों को अपने विचारों को व्यक्त करने, अपने धर्म का पालन करने और अपने जीवन को अपनी मर्जी से जीने की स्वतंत्रता होनी चाहिए। - *बंधुता*: बंधुता का अर्थ है कि सभी नागरिकों को एक दूसरे के प्रति भाईचारे की भावना रखनी चाहिए और समाज में सौहार्द और शांति बनाए रखनी चाहिए। *संवैधानिक सिद्धांत:* - *लोकतंत्र*: लोकतंत्र का सिद्धांत यह है कि सरकार का चयन नागरिकों द्वारा किया जाना चाहिए और सरकार को नागरिकों के प्रति जवाबदेह होना चाहिए। - *धर्मनिरपेक्षता*: धर्मनिरपेक्षता का सिद्धांत यह है कि राज्य किसी विशेष धर्म का समर्थन नहीं करेगा और सभी धर्मों के प्रति समान व्यवहार करेगा। - *संघवाद*: संघवाद का सिद्धांत यह है कि शक्तियों का विभाजन केंद्र और राज्य सरकारों के बीच किया जाना चाहिए। *संवैधानिक आदर्श:* - *नागरिकों के अधिकारों की रक्षा*: संविधान का आदर्श है कि नागरिकों के अधिकारों की रक्षा की जानी चाहिए और सरकार को नागरिकों के प्रति जवाबदेह होना चाहिए। - *सामाजिक न्याय*: संविधान का आदर्श है कि समाज में न्याय और समानता को बढ़ावा दिया जाना चाहिए और सभी नागरिकों को समान अवसर मिलने चाहिए। - *राष्ट्र की एकता और अखंडता*: संविधान का आदर्श है कि राष्ट्र की एकता और अखंडता को बनाए रखा जाना चाहिए और देश के सभी हिस्से एकजुट रहें। इन मूल्यों, सिद्धांतों और आदर्शों को अपनाकर, भारत का संविधान भारत देश के शासन व्यवस्था को निर्देशित करता है और नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करता है । क्या हम, भारत के लोग, भारत का संविधान के मूल्यों, सिद्धांतों, आदर्शों का सम्मान, सुरक्षा एवं संवर्धन कर रहे हैं? क्या हमारी राजनीतिक पार्टीया संवैधानिक नैतिकता से कार्य कर रही हैं? सोचिएगा जरूर!
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