
Limesh Kumar Jangam
May 30, 2025 at 05:51 PM
BJP का दोहरा चरित्र : फिलिस्तीन
बैग रखा तो प्रियंका आतंकवाद समर्थक
अब निशिकांत दुबे मुस्लिम देशों में कर रहे गुणगान
🔥 निशिकांत दुबे का दोहरा चेहरा : संसद में हमास का डर, कुवैत में फिलिस्तीन का गुणगान !
🎒 प्रियंका गांधी के बैग पर हमला, खुद कर रहे वही बात !
🔸 जब प्रियंका गांधी वाड्रा संसद में "Palestine" लिखा बैग लेकर आईं, तो बीजेपी नेताओं ने उन्हें हमास से जोड़ दिया।
🔸 निशिकांत दुबे ने प्रियंका पर सीधा हमला करते हुए उन्हें आतंकवाद समर्थक करार दिया था।
🔸 अब वही निशिकांत दुबे कुवैत में बैठकर फिलिस्तीन की तारीफ कर रहे हैं और टू-नेशन थ्योरी का समर्थन कर रहे हैं।
🌍 कांग्रेस का सवाल : मुस्लिम देशों में सम्मान, देश में अपमान क्यों ?
🔹 कांग्रेस ने बीजेपी पर तीखा हमला बोला, कहा – "देश में दुर्वचन, विदेश में प्रवचन!"
🔹 पवन खेड़ा का तंज – "दंगाई प्रवृत्ति का व्यक्ति मुस्लिम देशों की मेहमाननवाजी में फिलिस्तीन समर्थक बन जाता है।"
🔹 सवाल उठा – क्या मुस्लिम देशों में खुद को 'शांति-दूत' दिखाने वाले नेता भारत लौटते ही नफरत क्यों फैलाते हैं ?
📢 भारत की परंपरा : हमेशा से फिलिस्तीन के समर्थन में
✅ भारत ने 1974 में पीएलओ को मान्यता दी थी।
✅ 1983 में NAM सम्मेलन में यासिर अराफात को बुलाया गया था।
✅ 1988 में भारत पहला देश था जिसने फिलिस्तीन को एक राष्ट्र के तौर पर मान्यता दी।
✅ आज भी भारत सरकार फिलिस्तीन को सहायता देती है – 39 मिलियन डॉलर का बजटीय प्रावधान।
🧯 'हमास' का हौवा : जब अपने ही तर्क में फंसी बीजेपी
🔸 ऑपरेशन सिंदूर के बाद दुबे ने फिर से प्रियंका के बैग का जिक्र करते हुए हमास से जोड़ दिया।
🔸 कहा – "प्रियंका के कारण हमास ने पाकिस्तान जाकर कश्मीर दिवस मनाया!"
🔸 मगर किसी जांच में हमास और पहलगाम हमले का संबंध नहीं पाया गया।
🔸 अब खुद निशिकांत दुबे कुवैत में इज़राइल की आलोचना कर रहे हैं और फिलिस्तीन के पक्ष में खड़े हैं।
🧠 दोहरे मापदंडों की पोल : देश में 'आतंकवादी', विदेश में 'शांतिदूत' ?
⚠️ देश में फिलिस्तीन के पक्ष में आवाज़ उठाने पर गिरफ्तारी हो जाती है।
⚠️ संभल में 'Free Palestine' पोस्टर लगाने पर 7 लोग गिरफ्तार हुए।
⚠️ आर्टिकल 14 की रिपोर्ट बताती है – 7 राज्यों में 51 लोगों पर केस दर्ज हुए, जिनमें से 9 बीजेपी शासित राज्य हैं।
⚠️ आरोप – सोशल मीडिया पोस्ट्स और प्रदर्शनों पर UAPA व IPC की धाराएं लगाई गईं।
🛑 कांग्रेस की चुनौती : संसद में तो झूठ, विदेश में मुस्कान क्यों ?
🗣️ सवाल उठाया गया – क्या दुबे वही बातें सऊदी में जाकर दोहरा सकते हैं, जो भारत में कहते हैं?
🤝 सऊदी में ‘काबा’ का हवाला देकर आतंकी विरोध की बात, पर भारत में मुस्लिमों को 'दुश्मन' बताने का रवैया क्यों ?
😡 "जब चुनाव आते हैं तो 'कब्रिस्तान-श्मशान', और जब सऊदी जाना हो तो 'अमन की बातें' ?"
📉 अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की साख को नुकसान
📌 ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत के समर्थन में कोई मुस्लिम देश खुलकर नहीं आया।
📌 अलीगढ़ में मुस्लिम युवकों की बर्बर पिटाई – वो भी मांस ले जाने के शक में, जबकि पास लाइसेंस था।
📌 ऐसी घटनाओं की तस्वीरें विदेशों में जाती हैं – भारत की छवि पर गहरा असर डालती हैं।
📌 क्या ये नफरत विदेशी निवेश और कूटनीतिक समर्थन को डगमगा नहीं रही ?
📣 भारत को चाहिए समरसता, न कि दोहरे मानदंड
🕊️ भारत ने हमेशा फिलिस्तीन को समर्थन दिया – यह हमारी विदेश नीति की पहचान रही है।
❌ लेकिन देश के भीतर उसी समर्थन को 'आतंकवाद' बताना विरोधाभासी है।
🤔 क्या निशिकांत दुबे का बयान बीजेपी के उसी तर्क से उन्हें 'हमास प्रवक्ता' नहीं बनाता?
🧭 भारत को अपनी छवि धर्मनिरपेक्ष, न्यायप्रिय और सर्वसमावेशी बनानी होगी – तभी मिलेगा विश्व मंच पर सम्मान।
✊ अंतिम बात : नफरत से नहीं, एकता से बनेगा भारत महान
> "अगर हम अपने ही देशवासियों को सम्मान नहीं देंगे, तो दुनिया क्यों देगी ?"
> "भारत तभी ताकतवर बनेगा जब सभी धर्मों को बराबरी का दर्जा मिलेगा।"
🇮🇳 आइए, भारत को नफरत से नहीं, समरसता से जोड़ें। यह देश सभी का है। सभी नागरिकों को बराबर का सम्मान मिलना चाहिए – यही सच्ची राष्ट्रभक्ति है।
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✍🏻 लिमेशकुमार जंगम

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