दीन सिखाओ बेटी बचाओ
दीन सिखाओ बेटी बचाओ
June 4, 2025 at 08:24 AM
सायमीन बनी श्रुति — एक और मुस्लिम लड़की भगवा लव ट्रैप की शिकार - चार साल की प्लानिंग से फंसाई गई मुस्लिम लड़की, शादीशुदा होने के बावजूद धर्म परिवर्तन करा रचाई शादी मुरादाबाद: खाईखेड़ा गाँव (थाना मूंढापांडे) की 23 वर्षीय मुस्लिम युवती सायमीन पुत्री इस्लाम एक बार फिर भगवा साज़िश का शिकार बनी है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम के ज़रिए शुरू हुई एक साधारण सी बातचीत ने एक मुस्लिम लड़की की ज़िंदगी को पूरी तरह बदल कर रख दिया। सायमीन की पहचान रूपेंद्र मौर्य नामक हिंदू युवक से हुई, जो रुद्रपुर की एक फैक्ट्री में काम करता है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम के ज़रिए शुरू हुई बातचीत फोन नंबर देने पर शुरू हुई और धीरे-धीरे प्रेम संबंध में तब्दील हो गई। यह संबंध लगभग चार वर्षों तक चलता रहा। साल 2024 में, सायमीन पहली बार रूपेंद्र उर्फ गोलू के साथ घर से भाग गई। लेकिन परिवार वालों ने उन्हें पकड़ लिया गौरतलब है कि सायमीन की पहले ही शादी हो चुकी थी। वर्ष 2024 में, सायमीन के घर वालों ने उसका निकाह दिल्ली निवासी मुस्लिम युवक सैफ से कराया था, जो मूल रूप से अफज़लगढ़, जिला बिजनौर का रहने वाला है और पांव से माज़ूर (दिव्यांग) है। इस निकाह से सायमीन को एक बच्चा भी है। लेकिन यह सब भी उस प्रेम जाल को नहीं तोड़ पाया, जो पहले ही सोशल मीडिया के ज़रिए बुना जा चुका था। कुछ ही समय बाद सायमीन ने दोबारा अपने पति और बच्चे को छोड़कर रूपेंद्र के पास वापसी की, और इस बार अगस्त मुनि आश्रम, बरेली में जाकर आर्य समाज के माध्यम से हिंदू धर्म अपनाकर उससे विवाह कर लिया। उसने अपना नाम बदलकर श्रुति रख लिया। सायमीन (अब श्रुति) का दावा है कि वह बालिग है और उसे हिंदू धर्म बचपन से पसंद था — लेकिन यह बयान न सिर्फ झूठा बल्कि पूरी तरह से गढ़ा हुआ और संदिग्ध लगता है। 👉 सबसे बड़ा सवाल यह है कि कोई लड़की जो एक मुस्लिम परिवार में पैदा हुई, पली-बढ़ी, और इस्लामी तालीम व संस्कारों में बड़ी हुई — उसे बचपन से हिंदू धर्म कैसे पसंद हो सकता है? • क्या उसके घर में भगवद्गीता, रामायण पढ़ने को मिलती थी? • क्या उसके घर में मंदिर जाने की इजाज़त थी? • क्या उसे हिंदू त्योहार मनाने दिया गया? बिल्कुल नहीं। बल्कि सच्चाई यह है कि यह सब उस पर विचारधारा थोपने की सुनियोजित साज़िश का हिस्सा है। सोशल मीडिया जैसे प्लेटफ़ॉर्म पर पहले दोस्ती, फिर भावनात्मक संबंध और अंत में धार्मिक ब्रेनवॉश कर मुस्लिम लड़की को धर्म से भटकाना और परिवार से काटना — यह "भगवा लव ट्रैप" का क्लासिक पैटर्न बन चुका है। सायमीन न केवल पहले से शादीशुदा है, बल्कि एक बच्चे की माँ भी है। ऐसे में दूसरी शादी धर्म परिवर्तन के नाम पर कराना भारतीय कानून के भी खिलाफ है — ख़ासतौर पर जब पहली शादी अब भी वैध है। 👉 इसलिए "बचपन से हिंदू धर्म पसंद था" जैसा बयान न सिर्फ तथ्यविहीन है, बल्कि इस पूरे षड्यंत्र को ढकने के लिए इस्तेमाल किया गया पर्दा है। यह पूरा मामला एक सुनियोजित "भगवा लव ट्रैप" की बू देता है — जहाँ पहले सोशल मीडिया पर दोस्ती, फिर भावनात्मक शोषण, और अंत में धर्म परिवर्तन और विवाह के ज़रिए मुस्लिम लड़कियों को उनकी जड़ों से तोड़ने की कोशिश की जाती है। ऐसे मामलों में न सिर्फ निकाह के कानूनों का उल्लंघन हुआ है, बल्कि धार्मिक स्वतंत्रता और सामाजिक संतुलन को भी चोट पहुँचाई गई है। 👉 प्रशासन से माँग है कि इस विवाह और धर्म परिवर्तन की जांच कराई जाए, क्योंकि यह विवाह अवैध, गैरकानूनी और धर्म परिवर्तन कानून का उल्लंघन है।
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