
Ali Bhai
June 8, 2025 at 03:04 PM
*हसनؔ हज कर लिया, काबा से आँखों ने ज़िया पाई*
*चलो देखें वो बस्ती, जिसका रस्ता दिल के अंदर है।*
*हाजियों! आओ शहंशाह का रौज़ा देखो*
*काबा तो देख चुके, काबा का काबा देखो।*