
Muhammad Miyan Qadri Siddiqui Markazi
June 11, 2025 at 08:06 AM
इमाम इब्ने नुजैम मिस़्री (d. 970 हि.) लिखते हैं:
"...إذَا تَرَكَ التَّزَوُّجَ عَلَى امْرَأَتِهِ كَيْ لَا يُدْخِلَ الْغَمَّ عَلَى زَوْجَتِهِ الَّتِي عِنْدَهُ كَانَ مَأْجُورًا..."،
...अगर किसी मर्द ने एक से ज़्यादा शादी इसलिए नहीं की क्यूंकि उसकी पहली बीवी को ग़म होगा, तो ऐसे मर्द के लिए सवाब है...
📙अल्-बह़रुर् राइक़, जिल्द नं. 3, पेज नं. 187, पब्लिकेशन: दारुल् कुतुबिल् इ़ल्मिय्यह (बेरूत), पहला एडीशन, 1418 हि./1997 ई.
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मुह़म्मद क़ासिमुल् क़ादिरी अल्-अज़्हरी
10/06/25 ई.
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