
अयोध्या दर्शन हनुमानगढ़ी 🇩💲🛕🙏🏻🚩
June 12, 2025 at 06:41 AM
चोट गहरी
कतई साफ़ हो चला है कि ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने पाकिस्तान को नहीं ठोका है, बल्कि अमेरिका को गंभीर झटका दिया है। यूं तो चीन को भी चोट पहुंची है, लेकिन उसकी प्रतिक्रियाओं की तुलना में अमेरिका की पीड़ा अधिक मुखर नजर आ रही है।
सिलसिलेवार देखिए! 6–7 मई को भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पीओके में आतंकी फैक्ट्रियाँ ध्वस्त कीं और पाकिस्तान को सूचित किया कि यह कार्रवाई केवल आतंकवाद के खिलाफ है। लेकिन पाकिस्तान नहीं माना और टकराव की मुद्रा में आ गया। जवाब में भारत ने ब्रह्मोस मिसाइलों को मैदान में उतारा और उसके बाद पाकिस्तान के 11 एयरबेस खंडहर में तब्दील हो गए।
10 मई को संघर्षविराम (सीज़फायर) हुआ। इसके तुरंत बाद अमेरिका की प्रतिक्रिया शुरू हुई, राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और सेक्रेटरी ऑफ स्टेट लगातार बयान देने लगे। राष्ट्रपति ट्रंप तो दिन में दो बार बोलने लगे, जबकि पहले अमेरिका इस विवाद से दूरी बनाए हुए था।
ट्रंप ने मध्यस्थता को लेकर अलग-अलग संस्करण में बयान दिए, लेकिन भारत ने इस पर कोई रुचि नहीं दिखाई।
इसके बाद घटनाक्रम तेजी से बदला और ऑपरेशन सिंदूर की रिपोर्ट्स सामने आने लगीं। अमेरिका का रवैया अब स्पष्ट रूप से एकतरफा हो गया है। बीते दिनों ट्रंप ने पाकिस्तान में “मज़बूत नेतृत्व” की बात कही, जबकि पूरी दुनिया जानती है कि वह नेतृत्व कितना मज़बूत है।
अब अमेरिकी जनरल का बयान आया है कि “आतंकवाद की जंग में पाकिस्तान एक शानदार साझेदार है।”
साथ ही, पाकिस्तान के आर्मी चीफ फेल्ड मार्शल असीम मुनीर को अमेरिका के आर्मी डे पर आमंत्रित किया गया है। यानी अमेरिका डैमेज कंट्रोल में जुट गया है ताकि पाकिस्तान न भटके और पूरी तरह चीन की झोली में न चला जाए। आईएमएफ़ से लोन भी दिलवाया है।
नूर ख़ान एयरबेस में कुछ न कुछ बड़ा हुआ है, जिससे CIA में बेचैनी है। भारत पर प्रत्यक्ष कार्रवाई संभव नहीं, इसलिए अमेरिका अब कूटनीतिक तौर पर दबाव बनाने में लगा है।
आने वाले दिनों में इसमें और गंभीर राजनीति दिखाई दे सकती है, क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी का संवाद अभी बाकी है। सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल को वैश्विक स्तर पर ऐसे ही नहीं भेजा गया है।
ऑपरेशन सिंदूर को जारी रखने के पीछे CIA और ISI की भूमिका का पर्दाफाश भी कभी भी सामने आ सकता है।
अमेरिका की बेचैनी और दर्द बढ़ता जाएगा, तो कुछ बड़े कूटनीतिक कदम भी दिखाई दे सकते हैं।
अभी तक प्रधानमंत्री मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद अमेरिका को लेकर कोई सार्वजनिक बयान नहीं दिया है, जबकि ट्रंप लगातार बयानबाज़ी कर रहे हैं।
असीम मुनीर अमेरिका पहुंचेंगे और लौटेंगे। तब कुछ न कुछ हलचल अवश्य होगी। तय है अमेरिका की प्रतिक्रिया से स्पष्ट है कि आग लगी है, और वह जल्द कुछ न कुछ करेगा।
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