
Aacharyashri Kaushalendrakrishna Ji
May 29, 2025 at 07:02 AM
न युज्यमानया भक्त्या भगवत्यखिलात्मनि। सदृशोस्ति शिवः पन्था योगिनां ब्रह्मसिद्धये॥

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