Aacharyashri Kaushalendrakrishna Ji
June 9, 2025 at 06:07 PM
*मया लिखिताः पङ्क्त्योऽस्मिन् ग्रन्थे सङ्कलिताश्चेति मे महच्छुभम्। साफल्यं शुभञ्च कामयामि।* हमारे द्वारा लिखित पंक्तियाँ इस ग्रंथ में संकलित हैं, ये आनन्द का विषय है। एवं हम इस ग्रंथ के साफल्य की कामना करते हैं।
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