
Tadapti Kalam ( Hindi Shayari )
June 6, 2025 at 06:04 AM
दरिंदगी तो बाजारों में बिकती हैं,
जनाब हैवानियत, वो तो बंद कमरे में भी मेहफूज हैं,
बात रही संस्कारोंकी ,
तो वो पता नही किस कब्र में दफन हैं।
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