‼️ हरियाणा ​​𝗝𝗢𝗕 𝗨𝗽𝗱𝗮𝘁𝗲
‼️(𝗛𝗮𝗿𝘆𝗮𝗻𝗮 𝗖𝗘𝗧 𝗚𝗞)
‼️ हरियाणा ​​𝗝𝗢𝗕 𝗨𝗽𝗱𝗮𝘁𝗲 ‼️(𝗛𝗮𝗿𝘆𝗮𝗻𝗮 𝗖𝗘𝗧 𝗚𝗞)
June 13, 2025 at 07:04 AM
*💫हरियाणा में 108 भ्रष्ट अफसरों पर एक्शन की तैयारी : आय से अधिक प्रॉपर्टी होने का शक, मंजूरी के लिए CM को भेजी फाइल* *हरियाणा सरकार लगातार भ्रष्ट अफसरों और कर्मचारियों के खिलाफ फिर से एक्शन में आ गई है। 370 भ्रष्ट पटवारी, 404 दलालों की लिस्ट के बाद अब सरकार 108 तहसीलदार, नायब तहसीलदार और डिस्ट्रिक्ट रेवेन्यू ऑफिसर (DRO) के खिलाफ कार्रवाई करने जा रही है।* *सभी सबूतों और अन्य दस्तावेजों की जांच के बाद अब इन अफसरों को चार्जशीट करने की तैयारी कर ली गई है। मंजूरी के लिए इन 108 ऑफिसर्स की फाइल मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के पास भेज दी गई है। सरकार को इनके पास आय से अधिक प्रॉपर्टी होने का भी शक है।* *रेवेन्यू डिपार्टमेंट के सूत्रों का कहना है कि सीएम ने भी फाइल को मंजूरी देने को बात कही है। संभावना है कि जून के मिड सेशन में ये मंजूरी सीएम सैनी दे देंगे।* `यहां जानिए सरकार को इन पर कैसे शक हुआ` `7-A की अनदेखी कर अवैध धन जुटाया` सरकार को मिले खुफिया विभाग के इनपुट में कहा गया था कि इन अधिकारियों ने गलत तरीके से रजिस्ट्रियां की हैं। खास तौर पर धारा 7-A को अनदेखा किया। फिर रुपए लेकर वहां रजिस्ट्री कर दी। सरकार को इनके पास आय से अधिक प्रॉपर्टी होने का भी शक है। पटवारियों और दलालों की लिस्ट लीक होने के बाद सरकार ने इन भ्रष्ट अधिकारियों की लिस्ट को पूरी तरह से सीक्रेट रखा है। हालांकि, उनकी तैनाती के जिलों के अधिकारियों को नाम भेजकर पहले ही रिपोर्ट तलब कर ली गई थी। `पहले भी नोटिस दिए, कार्रवाई नहीं हुई` नियम 7A का उल्लंघन कर बिना NOC के रजिस्ट्रियों का मामला पहले भी सरकार के पास आया था। तब तहसीलदारों, नायब तहसीलदारों और पटवारियों को नोटिस जारी किए गए। तब उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया था। मगर, इसके बाद इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई थी। तब ये माना गया कि दबाव और ऊंची पहुंच की वजह से सरकार को बैकफुट पर आना पड़ा। इसलिए इन भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों पर कार्रवाई नहीं की गई। `रजिस्ट्री घोटाले से भी सरकार जोड़ रही तार` राजस्व विभाग के टॉप सोर्सेज के मुताबिक खुफिया इनपुट से इसके तार रजिस्ट्री घोटाले से भी जुड़ रहे हैं। यह घोटाला जुलाई 2020 में कोरोना काल के दौरान हुआ था। तब सरकार ने विशेष जांच समिति (SEC) गठित की थी। उनकी रिपोर्ट में 34 तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों के अलावा कानूनगो, लेखा परीक्षकों, रजिस्ट्री क्लर्कों और पटवारियों सहित 232 राजस्व अधिकारियों को भू-माफिया या रियल एस्टेट एजेंटों की सुविधा के लिए राजस्व रिकॉर्ड में हेरफेर करने के लिए दोषी ठहराया था। 3 पॉइंट में जानिए सरकार ने भ्रष्टाचार पर क्या किया... 1. सबसे पहले 370 भ्रष्ट पटवारियों की लिस्ट आई : हाल ही में सरकार की एक लिस्ट सामने आई थी। जिसमें प्रदेश में तैनात 370 पटवारियों को भ्रष्ट बताया गया था। इसमें यह भी बताया गया था कि किस जिले का कौन सा पटवारी किस काम के लिए कितनी रिश्वत लेता है। इसके अलावा 170 पटवारी ऐसे थे, जिन्होंने निजी सहायक रखे हुए थे। कुछ पटवारी अपने घर या प्राइवेट जगह पर ऑफिस चला रहे थे। हालांकि पटवारी इसका विरोध कर रहे हैं। 2. दूसरी लिस्ट 404 दलालों की आई : पटवारियों के बाद 404 दलालों की लिस्ट सामने आई थी। सरकार का कहना था कि ये सारे दलाल तहसील और पटवारी दफ्तरों में सक्रिय हैं। कुछ दफ्तरों में राजस्व कर्मचारियों के भी दलाली करने का इनपुट मिला था। ये दलाल तहसीलदार और नायब तहसीलदार के नाम पर काम कराने के बदले पैसे ले रहे हैं। सरकार ने कहा था कि दलालों की एंट्री रोकने के लिए CCTV कैमरे लगाए जाएं। 3. सिंचाई विभाग में 80 चार्जशीट : कॉन्क्रीट व पाइप के सैंपल फेल होने पर सिंचाई मंत्री श्रुति चौधरी ने विभाग के 80 अधिकारियों को चार्जशीट किया, जबकि तीन चीफ इंजीनियरों के खिलाफ नाराजगी नोट जारी किया है। सिंचाई मंत्री चौधरी ने बताया, विभाग की विजिलेंस विंग ने निर्माणाधीन प्रोजेक्टों के 48 रैंडम सैंपल लिए थे, जिनमें से 18 सैंपल फेल हो गए थे। ये अधिकारी मुख्यालय के साथ अलग-अलग जिलों में तैनात हैं।
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