BhaktiTak
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May 26, 2025 at 03:36 AM
*🌳 वट सावित्री व्रत कथा - Vat Savitri Vrat Katha* वट सावित्री व्रत की कथा का वर्णन स्कंद पुराण में मिलता है। इसमें देवी सावित्री द्वारा अपने मृत पति सत्यवान के प्राण वापस लाने की विलक्षण कथा कही गई है। यह कथा विवाहित स्त्रियों को सौभाग्य प्रदान करने वाली मानी जाती है, अतः इस दिन सुहागिन स्त्रियाँ वटवृक्ष के नीचे बैठकर व्रत करती हैं और इस पवित्र कथा का श्रवण करती हैं। एक बार देवी पार्वती ने भगवान शिव से पूछा - “हे प्रभु! प्रभास क्षेत्र में स्थित ब्रह्माजी की प्रिया देवी सावित्री का चरित्र मुझे बताइये, जो पतिव्रता स्त्रियों के लिए प्रेरणादायक, सौभाग्यदायक और महान पुण्यदायक हो।” इस पर भगवान शिव बोले - “हे महादेवी! मैं तुम्हें सावित्री देवी का पावन चरित्र सुनाता हूँ, जिन्होंने ‘सावित्री-स्थल’ नामक स्थान पर वट सावित्री व्रत का अनुष्ठान किया।” *राजा अश्वपति और देवी सावित्री का अवतार* मद्र देश में अश्वपति नामक एक धर्मात्मा राजा राज्य करता था। वह क्षमाशील, सत्यनिष्ठ और प्रजावत्सल था, परंतु संतानहीन था। एक बार वह अपनी रानी के साथ तीर्थयात्रा पर निकला और प्रभास क्षेत्र में स्थित ‘सावित्री-स्थल’ पहुँचा। वहाँ उन्होंने श्रद्धा से व्रत किया। *..वट सावित्री व्रत कथा को पूरा पढ़ने के लिए नीचे दिए लिंक पर क्लिक करें* 👇🏻 https://www.bhaktitak.com/2025/05/vat-savitri-vrat-katha.html

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