
BhaktiTak
June 8, 2025 at 03:52 AM
*जय श्री सीता राम*
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🌞~*आज का पञ्चाङ्ग* 🌞
🌤️ *दिनांक - 08 जून 2025*
🌤️ *दिन - रविवार*
🌤️ *संवत्सर – सिद्धार्थ*
🌤️ *विक्रत संवत 2082 (गुजरात-महाराष्ट्र अनुसार 2081)*
🌤️ *शक संवत -1947*
🌤️ *कलि युगाब्द– 5127*
🌤️ *अयन - उत्तरायण*
🌤️ *ऋतु - ग्रीष्म ॠतु*
🌤️ *मास - ज्येष्ठ*
🌤️ *पक्ष - शुक्ल*
🌤️ *तिथि - द्वादशी सुबह 07:17 तक तत्पश्चात त्रयोदशी*
🌤️ *नक्षत्र - स्वाती दोपहर 12:42 तक तत्पश्चात विशाखा*
🌤️ *योग - परिघ दोपहर 12:18 तक तत्पश्चात शिव*
🌤️ *राहुकाल - शाम 05:39 से शाम 07:20 तक*
🌞 *सूर्योदय - 05:14*
🌞 *सूर्यास्त - 06:46*
स्थानीय समयानुसार राहुकाल सूर्यास्त सूर्योदय समय में अंतर सम्भव है।
🌤️ *दिशाशूल - पश्चिम दिशा मे*
🔥 *अग्निवास*🔥
12+01+01=14÷4=02 पाताल लोक में।❌❌
🔱 *शिववास*🔱
12+12+5=29÷7 =01 कैलाश वासे वासे। ✅✅
🚩 *व्रत पर्व विवरण - प्रदोष व्रत*
✨ विशेष- द्वादशी को पूतिका(पोई) अथवा त्रयोदशी को बैंगन खाने से पुत्र का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
✨रविवार के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)
✨ रविवार के दिन मसूर की दाल, अदरक और लाल रंग का साग नहीं खाना चाहिए।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75.90)
✨ रविवार के दिन काँसे के पात्र में भोजन नहीं करना चाहिए।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75)
✨ स्कंद पुराण के अनुसार रविवार के दिन बिल्ववृक्ष का पूजन करना चाहिए। इससे ब्रह्महत्या आदि महापाप भी नष्ट हो जाते हैं।
🍁 *प्रदोष व्रत* 🍁
🙏🏻 हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक महिने की दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत किया जाता है। ये व्रत भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है। इस बार 08 जून, रविवार को प्रदोष व्रत है। इस दिन भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है। प्रदोष पर व्रत व पूजा कैसे करें और इस दिन क्या उपाय करने से आपका भाग्योदय हो सकता है, जानिए…
🌹 *ऐसे करें व्रत व पूजा*
🙏🏻 प्रदोष व्रत के दिन सुबह स्नान करने के बाद भगवान शंकर, पार्वती और नंदी को पंचामृत व गंगाजल से स्नान कराएं।
🙏🏻 इसके बाद बेल पत्र, गंध, चावल, फूल, धूप, दीप, नैवेद्य (भोग), फल, पान, सुपारी, लौंग, इलायची भगवान को चढ़ाएं।
🙏🏻 पूरे दिन निराहार (संभव न हो तो एक समय फलाहार) कर सकते हैं) रहें और शाम को दुबारा इसी तरह से शिव परिवार की पूजा करें।
🙏🏻 भगवान शिवजी को घी और शक्कर मिले जौ के सत्तू का भोग लगाएं। आठ दीपक आठ दिशाओं में जलाएं।
🙏🏻 भगवान शिवजी की आरती करें। भगवान को प्रसाद चढ़ाएं और उसीसे अपना व्रत भी तोड़ें।उस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करें।
🌹 *ये उपाय करें*
सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद तांबे के लोटे से सूर्यदेव को अर्ध्य देें। पानी में आकड़े के फूल जरूर मिलाएं। आंकड़े के फूल भगवान शिवजी को विशेष प्रिय हैं । ये उपाय करने से सूर्यदेव सहित भगवान शिवजी की कृपा भी बनी रहती है और भाग्योदय भी हो सकता है।
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*पूर्णिमा*
10 जून 2025 दिन मंगलवार व्रत पूर्णिमा ।
11 जून 2025 दिन बुधवार स्नान दान पूर्णिमा।