
BhaktiTak
June 13, 2025 at 04:02 AM
*जय श्री सीता राम*
🌞~*आज का पञ्चाङ्ग*~🌞
🌤️ *दिनांक - 13 जून 2025*
🌤️ *दिन - शुक्रवार*
🌤️ *संवत्सर – सिद्धार्थ*
🌤️ *विक्रत संवत 2082 (गुजरात-महाराष्ट्र अनुसार 2081)*
🌤️ *शक संवत -1947*
🌤️ *कलि युगाब्द – 5127*
🌤️ *अयन - उत्तरायण*
🌤️ *ऋतु - ग्रीष्म ॠतु*
🌤️ *मास - आषाढ (गुजरात-महाराष्ट्र अनुसार ज्येष्ठ)*
🌤️ *पक्ष - कृष्ण*
🌤️ *तिथि - द्वितीया शाम 03:18 तक तत्पश्चात तृतीया*
🌤️ *नक्षत्र - पूर्वाषाढा रात्रि 11:21 तक तत्पश्चात उत्तराषाढा*
🌤️ *योग - शुक्ल दोपहर 01:48 तक तत्पश्चात ब्रह्म*
🌤️ *राहुकाल - सुबह 10:58 से दोपहर 12:39 तक*
🌞 *सूर्योदय - 05:13*
🌞 *सूर्यास्त - 06:47*
स्थानीय समयानुसार राहुकाल सूर्यास्त सूर्योदय समय में अंतर सम्भव है।
🌤️ *दिशाशूल - पश्चिम दिशा मे*
🔥 *अग्निवास*🔥
17+06+01=24÷4=00 प्रथ्वी लोक में।✅✅
🔱 *शिववास*🔱
17+17+5=39÷7 =04 संभायाम वासे। ❌❌
🚩 व्रत पर्व विवरण -
✨ विशेष - द्वितीया को बृहती (छोटा बैगन या कटेहरी) खाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
🍁 *विघ्नों और मुसीबते दूर करने के लिए* 🍁
🌷 *14 जून 2025 शनिवार को संकष्ट चतुर्थी (चन्द्रोदय रात्रि 10:01)*
🙏🏻 शिव पुराण में आता हैं कि हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी ( पूनम के बाद की ) के दिन सुबह में गणपतिजी का पूजन करें और रात को चन्द्रमा में गणपतिजी की भावना करके अर्घ्य दें और ये मंत्र बोलें :
⚜️ *ॐ गं गणपते नमः ।*
⚜️ *ॐ सोमाय नमः ।*
🍁 *चतुर्थी तिथि विशेष* 🍁
🙏🏻 *चतुर्थी तिथि के स्वामी भगवान गणेशजी हैं।*
📆 *हिन्दू कैलेण्डर में प्रत्येक मास में दो चतुर्थी होती हैं।*
🙏🏻 पूर्णिमा के बाद आने वाली कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्ट चतुर्थी कहते हैं।अमावस्या के बाद आने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं।
🙏🏻 *शिवपुराण के अनुसार “महागणपतेः पूजा चतुर्थ्यां कृष्णपक्षके। पक्षपापक्षयकरी पक्षभोगफलप्रदा ॥*
⏩ “ अर्थात प्रत्येक मास के कृष्णपक्ष की चतुर्थी तिथि को की हुई महागणपति की पूजा एक पक्ष के पापों का नाश करनेवाली और एक पक्षतक उत्तम भोगरूपी फल देनेवाली होती है ।
🍁 *कोई कष्ट हो तो* 🍁
🙏🏻 हमारे जीवन में बहुत समस्याएँ आती रहती हैं, मिटती नहीं हैं ।, कभी कोई कष्ट, कभी कोई समस्या | ऐसे लोग शिवपुराण में बताया हुआ एक प्रयोग कर सकते हैं कि, कृष्ण पक्ष की चतुर्थी (मतलब पुर्णिमा के बाद की चतुर्थी ) आती है | उस दिन सुबह छः मंत्र बोलते हुये गणपतिजी को प्रणाम करें कि हमारे घर में ये बार-बार कष्ट और समस्याएं आ रही हैं वो नष्ट हों |
🌷 *छः मंत्र इस प्रकार हैं –*
⚜️ *ॐ सुमुखाय नम:* : सुंदर मुख वाले; हमारे मुख पर भी सच्ची भक्ति प्रदान सुंदरता रहे ।
⚜️ *ॐ दुर्मुखाय नम:* : मतलब भक्त को जब कोई आसुरी प्रवृत्ति वाला सताता है तो… भैरव देख दुष्ट घबराये ।
⚜️ *ॐ मोदाय नम:* : मुदित रहने वाले, प्रसन्न रहने वाले । उनका सुमिरन करने वाले भी प्रसन्न हो जायें ।
⚜️ *ॐ प्रमोदाय नम:* : प्रमोदाय; दूसरों को भी आनंदित करते हैं । भक्त भी प्रमोदी होता है और अभक्त प्रमादी होता है, आलसी । आलसी आदमी को लक्ष्मी छोड़ कर चली जाती है । और जो प्रमादी न हो, लक्ष्मी स्थायी होती हैं।
⚜️ *ॐ अविघ्नाय नम:*
⚜️ *ॐ विघ्नकरत्र्येय नम*