
ऐ मुस्लिम होश में आ जा ✊
May 17, 2025 at 02:06 AM
📄 *सवाल 👇*
*दलाली का पेशा और रिश्वत का लेना देना कैसा है*
📄 *जवाब 👇*
*📍दलाली का पेशा*
*किसी चीज़ को खरीदने या बेचने या किसी सौदे को दो लोगो के दरमियान तय करवाने वाले को दलाल कहते हैं, इस मामले में दलाल को कुछ मेहनत या दौड़ - धूप भी करनी पड़ती है या कुछ खर्च भी करना पड़ता है, जिसके बदले वो ख़रीदने या बेचने वाले से या जैसा वहां का रिवाज़ होता है उस हिसाब से एक उजरत (मेहनताना) लेता है, ये जाएज़ है, लेकिन ये पेशा कोई अच्छा काम नही अगरचह वो हराम व नजाएज़ भी नही*
*📖बहारे शरीअत, जिल्द 02, हिस्सा 11, सफ़ह 639*
*📖शामी शरीफ़, हिस्सा 07, सफ़ह 93*
▪️ *रिश्वत का लेना या देना*
*हदीसे पाक में है कि प्यारे आक़ा ﷺ ने इरशाद फ़रमाया जिसका मफ़हूम है*
*"रिश्वत लेने और देने वाले दोनों पर अल्लाह ﷻ लअनत"*
*(मिश्कात शरीफ़, बाबुल रिज़्क़, सफ़ह 326)*
*लेकिन अब ये रिश्वत लेने या देने की चार सूरतें हैं*
*01* *किसी ओहदे या मनसब को क़ुबूल करने के लिए रिश्वत लेना और देना दोनों हराम है*
*02* *किसी हाकिम या अफ़सर (अधिकारी) को अपने हक़ में फ़ैसला लेने के लिए रिश्वत देना और लेना दोनों हराम है चाहे वो फैसला हक़ हो या न हो, क्यूंकि फैसला करना हाकिम या अफ़सर की ज़िम्मेदारी है और इस काम के लिए न वो रिश्वत ले सकता है और न दिया जा सकता है दोनों ही हराम हैं*
*03* *किसी ज़ालिम हाकिम या अफ़सर जिससे जान व माल और इज़्ज़त व आबरू को ख़तरा है और मुमकिन है कि रिश्वत देने से वो ज़ुल्म ना करेगा तो ये देना जाएज़ है, लेकिन लेने वाले के लिए ये हराम ही होगा*
*(यानी ऐसा कोई अफ़सर जो गाली - गलौज़ करता हो, जान व माल को उससे खतरा हो और अगर रिश्वत देने से वो ख़ामोश हो जाएगा तो देना जाएज़ है, लेकिन लेने वाला जो अफ़सर है उसके लिए ये हराम है)*
*04* *किसी शख़्स या अफसर को इस लिए रिश्वत दिया जाए कि वो हाकिम तक उसे पहुंचा दे (और वो काम बहुत ज़रूरी व शरई हो जिसके बिना कोई और सूरत ना हो) तो इसके लिए रिश्वत देना जाएज़ है, लेकिन लेने वाले के लिए यह भी हराम व नजाएज़ है।*
*📖फ़तावा रज़विया जदीद, जिल्द 18, सफ़ह 469*
*📖शरह सहीह मुस्लिम, हिस्सा 05, सफ़ह 70*||
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