HARYANA UPDATE
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June 10, 2025 at 12:19 PM
वो डूब रही थी… और किसी ने देखा भी नहीं – सिवाय एक के। जून 2022 – बुडापेस्ट, हंगरी। यहाँ चल रही थी FINA World Aquatics Championships। अमेरिका की तरफ से हिस्सा ले रही थीं Anita Alvarez. एक अनुभवी आर्टिस्टिक स्विमर, जिनकी परफॉर्मेंस पानी के भीतर कला और संतुलन का अद्भुत मेल होती है। उस दिन उन्होंने एक शानदार रूटीन पेश किया। तालियाँ बजीं, कैमरे चमके, जज मुस्कुरा रहे थे। लेकिन एक पल बाद ही... सबकुछ बदल गया। अनीता बेहोश हो चुकी थीं। उनका शरीर धीरे-धीरे पानी के भीतर जा रहा था। कोई नहीं देख पा रहा था क्योंकि सबका ध्यान उनके प्रदर्शन की ख़ूबसूरती पर था। कोई नहीं, सिवाय उनकी कोच एंड्रिया फुएंतेस के। एंड्रिया खुद एक ओलंपिक मेडलिस्ट रह चुकी हैं। उन्हें अनुभव था, और उससे भी ज़्यादा, "अनुभूति" थी। उन्हें समझ आ गया, कुछ सही नहीं है। उन्होंने एक सेकंड भी बर्बाद नहीं किया। जूते पहने हुए, कपड़े पहने हुए उन्होंने तुरंत पानी में छलांग लगाई। वो तेज़ी से नीचे गईं और अनीता को कमर से पकड़कर ऊपर ले आईं। डॉक्टर्स ने तुरंत CPR दी, और राहत की बात ये थी, अनीता की जान बच गई। इस घटना ने पूरी दुनिया को सोचने पर मजबूर कर दिया। कि… “जब हम डूब रहे होते हैं क्या कोई देख रहा होता है?” या फिर… “हम भीड़ में घिरे होते हैं, लेकिन अकेले डूब रहे होते हैं।” हर किसी को ज़रूरत होती है एक ऐसे इंसान की जो महसूस कर सके। जो आपको इतना समझता हो कि जब आप सतह पर न आ सकें, वो खुद कूद पड़े। और सवाल ये भी है क्या आप भी किसी के लिए वो इंसान हैं? ये सिर्फ एक खेल की घटना नहीं थी। ये इंसानियत, भरोसे और जज़्बे की मिसाल थी। और सबसे बड़ी बात कि ये एक ‘देख पाने’ की कहानी थी। अगर ये कहानी आपके दिल को छू गई हो, तो किसी अपने को टैग कीजिए — जिसने कभी आपकी ‘डूबती ज़िंदगी’ में छलांग लगाई हो… या जिसे आप वादा करना चाहते हैं कि जब वो नहीं कहेगा, तब भी आप समझेंगे।
Image from HARYANA UPDATE: वो डूब रही थी… और किसी ने देखा भी नहीं – सिवाय एक के।  जून 2022 – बुडा...
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