
SELF REALIZATION, THROUGH GOD REALIZATION ✅
June 12, 2025 at 02:17 AM
*संपूर्ण हरदेव वाणी*
*शब्द संख्या 128*
*इक तू ही निरंकार*
*सन्तों ने बदलना है ये नक्शा कुल संसार का।*
*नफ़रत की गहरी खाई पर पुल है बनाना प्यार का।*
*पुल बन जाता है तो सारे सहज में आते जाते हैं।*
*मिट जाती हैं दूरियां सब आपस में मिल पाते हैं।*
*दिलों के अन्दर रहे न खाई ऐसा कर दिखलाना है।*
*आदमी को आदमी के संग मिलाते जाना है।*
*रंग वेश बोली और भाषा नस्लों की दीवार कहीं।*
*मज़हबो मिल्लत जाति पांति मुल्कों की दीवार कहीं।*
*दीवारों के रहते जग में हर सू हाहाकार है।*
*हो गये धरती के टुकड़े बिखर गया संसार है।*
*गुरू ज्ञान से वैर मिटेगा बरसेगा बस प्यार ही प्यार।*
*कहे ‘हरदेव’ दीवार रहित ये हो जायेगा कुल संसार।*
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