
SELF REALIZATION, THROUGH GOD REALIZATION ✅
June 12, 2025 at 02:01 PM
*संपूर्ण हरदेव वाणी*
*शब्द संख्या 280*
*इक तू ही निरंकार*
*किसे ख़बर है कैसा होगा कल जो आने वाला है।*
*इस दुनिया में क्या क्या हमको रंग दिखाने वाला है।*
*थी जहां पर चहल पहल कल आज वहां वीराना है।*
*कल हक़ीक़त समझा जिसको आज बना अफ़साना है।*
*रह न सकेंगे जग में किसी के सब दिन एक समान कभी।*
*धन दौलत ताक़त यौवन का मत करना अभिमान कभी।*
*हाथ है डोर विधाता के सब मिट्टी के खिलौने हैं।*
*कहे ‘हरदेव’ कि गोरे काले चाहे श्याम सलोने हैं।*
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