Amit Jain
Amit Jain
May 29, 2025 at 07:24 AM
_क़दर उनकी करो जो तुम्हारी क़दर करे।_ _क्योंकि ज़्यादा ग़ुलामी में इज्ज़त की नीलामी होती है।_

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