
𝗜𝗻𝗱𝗶𝗮'𝘀 𝗚𝗼𝘃𝘁 𝗝𝗼𝗯 𝗡𝗲𝘄𝘀 𝗣𝗼𝗿𝘁𝗮𝗹
June 10, 2025 at 12:13 PM
*`हरियाणा CET 2 शिफ्टों में हुआ तो नॉर्मलाइजेशन फॉर्मूला लगेगा :` नंबरों को बराबर करने के लिए इस्तेमाल होगा; लागू करने समेत अन्य जरूरी सवाल-जवाब जानें*
*हरियाणा में कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (CET) 2025 के लिए रजिस्ट्रेशन करने के लिए अब सिर्फ 3 दिन का ही समय बचा है। इसके बाद हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन (HSSC) एग्जाम की डेट जारी कर सकता है। रजिस्ट्रेशन ज्यादा होते हैं तो एग्जाम 2 शिफ्टों में होगा।*
*अगर ऐसा हुआ तो HSSC नॉर्मलाइजेशन फॉर्मूला लागू करेगा। इसके तहत सभी कैंडिडेट्स के नंबर पेपर की कठिनाई के अनुसार बराबर करने के लिए इस फॉर्मूला का इस्तेमाल किया जाएगा*
`नॉर्मलाइजेशन फॉर्मूला क्या है? इसे क्यों लागू किया जाता है? जानिए`
*CET एग्जाम में नॉर्मलाइजेशन फॉर्मूले से जुड़े 6 जरूरी सवाल-जवाब ⬇️*
1. सवाल: क्या होता है नॉर्मलाइजेशन फॉर्मूला?
जवाब: नॉर्मलाइजेशन एक ऐसा फॉर्मूला है जिसका यूज विभिन्न शिफ्टों में होने वाले एग्जाम में किया जाता है। इस फॉर्मूले को एग्जाम के अंकों को समान स्तर पर लाने के लिए यूज किया जाता है। इससे एजेंसी यह सुनिश्चित करती है कि सभी छात्रों को समान अवसर मिले, भले ही उनकी परीक्षा का स्तर अलग हो।
2. सवाल: क्यों लागू किया जाता है ये फॉर्मूला?
जवाब: नॉर्मलाइजेशन फॉर्मूले की जरूरत तब पड़ती है, जब कोई एग्जाम एक से ज्यादा शिफ्ट्स में आयोजित की जाती है। ऐसा इसलिए क्योंकि हर शिफ्ट का पेपर अलग हो सकता है, जिससे कुछ छात्रों को आसान और कुछ छात्रों को कठिन पेपर मिल सकता है। नॉर्मलाइजेशन फॉर्मूला, इन अंतरों को दूर करने में मदद करता है और सभी छात्रों को समान स्तर पर आंकने में मदद करता है।
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3. सवाल: कैसे तय होता है कि पेपर कठिन आया?
जवाब: नॉर्मलाइजेशन फॉर्मूले में पेपर की कठिनता तय करने के लिए कुछ विधियां प्रयोग की जाती हैं। इनमें से एक विधि में, परीक्षा के अलग-अलग शिफ्ट या दिनों के पेपरों के कठिनाई स्तर की तुलना करके देखा जाता है कि कौन सा पेपर अधिक कठिन था। दूसरा तरीका यह है कि परीक्षा के अंकों का वितरण देखा जाता है। यदि एक शिफ्ट में अंकों का वितरण कम है, तो यह माना जाता है कि वह शिफ्ट अधिक कठिन थी।
4. सवाल: क्या नॉर्मलाइजेशन फॉर्मूले से नंबर कम हो सकते हैं?
जवाब: नॉर्मलाइजेशन फॉर्मूला किसी छात्र के स्कोर और रैंकिंग को काफी हद तक प्रभावित कर सकता है। अपने अलग-अलग सत्रों में उम्मीदवारों की ओवरऑल परफॉर्मेंस के आधार पर किसी छात्र का रॉ स्कोर हाई या लो नॉर्मलाइजेशन स्कोर में बदल सकता है।
5. सवाल: क्या हरियाणा में पहले भी नॉर्मलाइजेशन फॉर्मूला यूज हुआ?
जवाब: हां, हरियाणा में पहले भी CET एग्जाम में नॉर्मलाइजेशन फॉर्मूले का इस्तेमाल किया गया है। 2022 में कमीशन ने भर्ती परिणाम जारी करते समय इसे अपनाया था। कमीशन ने उस समय तर्क दिया था कि कैंडिडेट्स की संख्या लाखों में होने के कारण ऐसा किया रहा है। साथ ही अलग-अलग शिफ्ट और अलग-अलग पेपर होने के चलते सभी को समान करने के लिए इसे अपनाया जा रहा है।
6. सवाल: हरियाणा में क्या नॉर्मलाइजेशन का हो चुका विरोध?
जवाब: हां, हरियाणा में 2022 में हुए CET एग्जाम के दौरान विरोध हुआ था। इसके विरोध में युवाओं ने पंचकूला में हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन के बाहर धरना तक दिया था। युवाओं की मांग थी कि एक पद के लिए एक ही पेपर हो और पहले की तरह अंकों के आधार पर ही चयन हो।
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