Kalki Avatar - The Official Channel
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May 21, 2025 at 01:06 PM
*ଭୁବନେଶ୍ୱର ରେ ଲାଗିବ ଗୋଳ,* *ଏକାମ୍ର ବନ ଯେ ଅଛି ସେଠାର।* *ଖଣ୍ଡଗିରି ସିଦ୍ଧ ସାଧୁ ଅଛନ୍ତି,* *କଳକୀ ରୁପକୁ ଧ୍ୟାନ କରନ୍ତି।* *କ୍ଷୀର ଧାର ବହି ଯାଏ ଗୁପ୍ତର,* *ଗୁମ୍ଫା ରେ ଭଜନ ହୁଏ ସତ୍ୱର।* *ଘଟଣା ସ୍ଥାନ ଯେ ଅଟଇ ସେହି,* *କଳିର ଭାରତ ଯୁଦ୍ଧ ସେଠାଇଁ।* पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा निर्माण की आधारशिला रखी जाकर सन् 1948 में ओडिशा की राजधानी बने भुवनेश्वर शहर का उल्लेख पंचसखाओं में एक, महापुरुष अच्युतानंद दास ने अपने मालिका ग्रंथ 'चकड़ा मड़ाण' में आज से लगभग 600 साल पहले ही कर दिया। महापुरुष ने लिखा कि भुवनेश्वर, जहां 'एकाम्र वन' स्थित है, भीषण युद्ध का स्थल बनेगा। भुवनेश्वर में ही खंडगिरि नामक एक जगह स्थित होगी जहां सिद्ध-साधु-संत गुप्त रूप से गुफाओं में अहर्निश कल्कि अवतार के ध्यान, नाम-जप, भजन-कीर्तन में लीन होंगे। महापुरुष आगे कहते हैं कि भुवनेश्वर के इसी खंडगिरि में महाभारत काल के 18 दिनों के महायुद्ध का शेष (बाकी बचा) युद्ध होगा भगवान कृष्ण ने उस समय जिसका समापन न करा उसे कलियुग-अंत में कराने का निर्णय लिया था। महापुरुष के अनुसार यह सब कलियुग के अंत यानी वर्तमान कालखंड में होगा।
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