Mr Gaurichak Study
May 22, 2025 at 02:52 AM
सामाजिक कुरीतियों के विरुद्ध आवाज उठाने वाले, नारी शिक्षा के पक्षधर और आधुनिक भारत की नींव रखने वाले महान समाज सुधारक राजा राममोहन राय जी की जयंती पर शत्-शत् नमन। उनके विचार और कार्य आज भी हमें प्रगतिशील और न्यायपूर्ण समाज की दिशा में प्रेरित करते हैं।
राजा राम मोहन राय (1772-1833) एक भारतीय सुधारक, लेखक, और सामाजिक-धार्मिक सुधार आंदोलन के अग्रदूत थे, जिन्हें आधुनिक भारत का जनक भी कहा जाता है.
प्रमुख बिंदु:
जन्म: 22 मई, 1772, राधानगर (बंगाल प्रेसीडेंसी)
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शिक्षा: फ़ारसी, अरबी, अंग्रेजी, बंगाली, हिंदी, ग्रीक, लैटिन, संस्कृत.
कार्य: ईस्ट इंडिया कंपनी के लिए काम किया.
ब्रह्म समाज की स्थापना की (1828).
सती प्रथा, बाल विवाह, और जाति व्यवस्था जैसे सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ आवाज उठाई. भारत में पश्चिमी शिक्षा और आधुनिकता के प्रसार में योगदान दिया.
उपलब्धियाँ: ब्रह्म समाज की स्थापना. सती प्रथा के उन्मूलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
हिंदू कॉलेज, कोलकाता की स्थापना में योगदान. मुगल सम्राट अकबर द्वितीय द्वारा "राजा" की उपाधि दी गई.
मृत्यु: 27 सितंबर, 1833, ब्रिस्टल, इंग्लैंड.