Arvind Kumar Mishra
Arvind Kumar Mishra
June 14, 2025 at 05:30 AM
मैने जो कि थी मोहब्बत वो आज भी है, तेरे जुल्फों की साये की चाहत आज भी है,, ये रात कटती है आज भी खयालों में तेरे, दीवानों सी मेरी हालत आज भी है,, किसी और के तसबबुर में न उठती है, बेईमान इन निगाहों में थोड़ी शराफ़त आज भी है,, इक बार चाहकर चाहे दिल तोड़ दो तुम, दिल तोड़कर जाने की इजाजत तुझे आज भी है,,

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