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June 12, 2025 at 02:50 PM
यह जीवन कितना अनिश्चित है...
कभी तुम अपनों के साथ छुट्टियाँ मनाने जाते हो —
और गोलियों की बौछार में सब कुछ खत्म हो जाता है।
कभी तुम ख़ुशी से झूमते हुए जीत की परेड में जाते हो —
और भीड़ तुम्हें रौंद डालती है।
कभी तुम बस एक सफ़र पर निकलते हो —
काम के लिए या सुकून के लिए —
और वो सफ़र आख़िरी साबित हो जाता है।
यहाँ तक कि तुम बस दोपहर का खाना लेने निकलते हो हॉस्टल के मेस में —
और आसमान से गिरा एक जहाज़ सब कुछ खत्म कर देता है।
क्या हम वाकई जानते हैं कि अगला पल हमारा है?
जी लो इस पल को —
क्योंकि अगला पल किसने देखा है।
#अनिश्चित_जीवन
#मूल्यवान_क्षण
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