
Dev Katha (devkatha.com)
June 13, 2025 at 02:26 AM
सब भांतिन सों होइगी, हम-तुम बाढ़ प्रीति;
और न कछु मन में चहौं, यही जगत की रीति।
राधे राधे 💐💐🙏🙏
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